रायबरेली के नजदीक फुर्सतगंज में अगले साल तक तैयार हो जाएगा एयरपोर्ट

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न्यूज जंगल डेस्क कानपुर:-भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस की सियासी गाड़ी को 2024 में पटरी से उतारने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है. 2019 के लोकसभा चुनाव में स्मृति इरानी ने अमेठी में गांधी परिवार का किला ध्वस्त कर दिया था और राहुल गांधी को करारी शिकस्त दी थी. उस चुनाव में कांग्रेस पार्टी यूपी में एक सीट जीत पाई थी, वो थी रायबरेली की, जहां से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जीत दर्ज की थी. अब 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी रायबरेली में भी कांग्रेस के विजयी विमान का टायर पंक्चर करने की कोशिश में है. उसके इस अरमान को रायबरेली और अमेठी के बीच एक प्रस्तावित एयरपोर्ट से पंख मिलने के आसार हैं.

ये एयरपोर्ट अमेठी और रायबरेली के बीच एक छोटे से शहर फुर्सतगंज में बनाया जा रहा है. फुर्सतगंज वैसे तो अमेठी जिले में हैं, लेकिन रायबरेली के नजदीक पड़ता है. सरकार की कोशिश है कि अगले साल तक इसे चालू कर दिया जाए. अमेठी से सांसद और केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी पिछले 3 साल से इस प्रोजेक्ट को पूरा कराने में जुटी हैं. इस एयरपोर्ट के लिए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी की फुर्सतगंज एयर स्ट्रिप को विकसित किया जा रहा है. यह राजीव गांधी नैशनल एविएशन यूनिवर्सिटी के नजदीक है.

इस प्रोजेक्ट के ब्लूप्रिंट के मुताबिक, इस एयरपोर्ट को क्षेत्रीय संपर्क योजना उड़ान के तहत विकसित किया जा रहा है. यहां पर ATR-72 और Q-400 जैसे छोटे विमान उड़ और उतर सकेंगे. एयरपोर्ट की टर्मिनल बिल्डिंग 1200 वर्गमीटर एरिया में बनाई जाएगी, जो व्यस्त समय में 100 यात्रियों को संभालने लायक होगी. इसके अलावा 40 कारें खड़ी करने की पार्किंग बनाई जाएगी. एयरपोर्ट के लिए इस विमान पट्टी को फिर से तैयार कर दिया गया है. केंद्र सरकार एयरपोर्ट प्रोजेक्ट के लिए पर्यावरण असेसमेंट, एप्रन, टैक्सी ट्रैक और अन्य कार्यों के ठेके उठाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. एप्रन एयरपोर्ट वो जगह होती है, जहां विमान खड़े किए जाते हैं और उनमें सामान आदि लादा जाता है.

एयरपोर्ट का मौजूदा रनवे अभी 1850 मीटर का है, जिसे दुरुस्त करने पर केंद्र सरकार 20 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है. यहां बनने वाले एप्रन पर दो विमान पार्क करने की व्यवस्था होगी. 180 मीटर लंबा टैक्सी ट्रैक, अंदरूनी सड़कें और एयरपोर्ट तक आने-जाने का रास्ता भी बनाया जाएगा. एप्रन और टैक्सी ट्रैक बनाने पर 4 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. यहां से वाराणसी, गोरखपुर, लखनऊ और दिल्ली के लिए उड़ानें शुरू हो सकती हैं.

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