कृषि कानूनों की वापसी के बाद मिली आंदोलन खत्म होने की आहट, कल अहम बैठक

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कृषि कानूनों की वापसी के बाद किसानों का आंदोलन खत्म हो सकता है. बताया जा रहा है कि अगर समहति बनती है तो प्रदर्शनकारी किसान जल्द घरों की और लौट सकते हैं.

न्यूज जगंल डेस्क, कानपुर : कृषि कानूनों की वापसी के बाद किसानों का आंदोलन खत्म हो सकता है. पंजाब के 32 संगठनों की कल हुई बैठक में इस बात की आम सहमति बनी कि संसद से कृषि कानूनों की वापसी के बाद मुख्य मांग पूरी हो गई है. बैठक में इस बात की भी चर्चा हुई कि एमएसपी कानून बनने की प्रक्रिया में समय लगेगा इसलिए सरकार को एक समय सीमा देकर वापस लौट जाना चाहिए. वापसी के प्रस्ताव पर कल उन 40 नेताओं की बैठक होगी जो सरकार के साथ बातचीत में शामिल थे. इस बैठक के बाद संयुक्त किसान मोर्चा की एक बैठक होगी जिसमें लौटने को लेकर बात हो सकती है.

आंदोलन खत्म करने या न करने को लेकर अंतिम फैसला संयुक्त किसान मोर्चा को करना है. हालांकि कुछ नेताओं को लगता है कि एमएसपी कानून की रूपरेखा तय होने तक घर वापस नहीं जाना चाहिए. कृषि कानूनों की वापसी के बाद आंदोलन खत्म करने या घर वापस लौटने को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा की 5 मांगों हैं. इन पर संयुक्त किसान मोर्चा और पंजाब के किसान संगठनों की राय में क्या अंतर है और उसकी वजह क्या है – 

1. एमएसपी कानून

– पंजाब के संगठनों का मानना है कि कानून बनाने की प्रक्रिया में समय लगता है. सरकार को एक समय सीमा देकर घर वापस लौटना चाहिए. अंदरूनी बात यह भी है कि पंजाब में ज्यादातर किसान पहले से ही एमएसपी का लाभ हासिल कर रहे हैं.  

– राकेश टिकैत जैसे किसान नेताओं की राय है कि एमएसपी कानून बनने तक वापसी ठीक नहीं है. कुछ अन्य नेताओं की राय है कि प्रधानमंत्री के एलान के मुताबिक एमएसपी कानून को लेकर कमिटी गठित होने और उसमें किसान संगठनों की भागीदारी तय होने तक दिल्ली मोर्चे पर जमे रहना चाहिए. 

2. आंदोलन के दौरान मृत किसानों के परिवारों को मुआवजा 

– पंजाब के जिन किसानों की मौत हुई उनके परिजनों के लिए पंजाब सरकार 5 लाख के मुआवजे और एक सदस्य को सरकारी नौकरी का एलान कर चुकी है.

– लेकिन पंजाब के बाहर जैसे हरियाणा के जिन किसानों की मौत हुई उनके परिजनों को मुआवजा नहीं मिला है. 

3. मुकदमा वापसी

मुआवजे की तरह ही किसान आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों पर दर्ज हुए मुकदमे पंजाब सरकार वापस ले चुकी है लेकिन बाकी राज्यों में ऐसा नहीं हुआ है. 

4. पराली जलाने के मुद्दे 

पराली के मुद्दे और बिजली संशोधन बिल पर भी केंद्र सरकार के आश्वासन से पंजाब के ज्यादातर संगठन सहमत हैं लेकिन कुछ किसान नेता केवल आश्वासन पर भरोसा करने को तैयार नहीं है. 

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5. गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा की बर्खास्तगी

लखीमपुर कांड को लेकर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी की मांग भी है लेकिन चुकी इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है ऐसे में किसान संगठन इस मांग पर नरमी बरत सकते हैं. लखीमपुर कांड के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा जो अजय मिश्रा के बेटे हैं उनकी गिरफ्तारी पहले ही हो चुकी है.

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