अफगानिस्तान : आधी आबादी के सामने रोटी और ठंड का संकट

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आईसीआरसी (ICRC) के मुताबिक, अफगानिस्तान की आधी आबादी यानी 20 मिलियन (2 करोड़) लोग गंभीर खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं. देश में आर्थिक चुनौतियों के साथ-साथ अब सर्दी से भी लाखों लोगों के जान पर खतरा मंडरा रहा है. ICRC ने ट्वीट किया, “स्थिति को और बिगड़ने से रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन की तत्काल आवश्यकता है ।

न्यूज जंगल इंटरनेशनल ड़ेस्क :- तालिबान के कब्जे के बाद से अफगानिस्तान  की अर्थव्यवस्था बुरी तरह से चरमरा गई है और अफगानिस्तान को कवर करने वाले अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस समिति (ICRC) ने सोमवार को चेतावनी दी कि अफगानिस्तान की आधी आबादी यानी 20 मिलियन (2 करोड़) लोग गंभीर खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे है ।

आईसीआरसी के मुताबिक, अफगानिस्तान में आर्थिक चुनौतियों के साथ-साथ अब सर्दी से भी लाखों लोगों की जान पर खतरा मंडरा रहा है और ICRC ने ट्वीट किया है स्थिति को और बिगड़ने से रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन की तत्काल आवश्यकता है और इस बीच, विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) ने कहा कि आने वाली सर्दियों में संभावित भुखमरी की तैयारी में है और अफगानिस्तान के कुछ सबसे दूरस्थ स्थानों में 34 सुरक्षित भंडारण स्थान बनाए गए हौ हैं. संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने एक नई रिपोर्ट में कहा है कि अफगानिस्तान में 13.1 मिलियन बच्चों को मानवीय सहायता की आवश्यकता है ।

इससे पहले OCHA अफगानिस्तान ने भी ट्वीट कर जानकारी दिया था 19 मिलियन (1 करोड़ 90 लाख) लोग खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं और 25 मिलियन (2.5 करोड़) गरीबी से परेशान लोग हैं और 5.8 मिलियन (58 लाख) लोग लंबे समय से आंतरिक विस्थापन में हैं और हजारों की संख्या में लोग प्राकृतिक आपदाओं के चलते बेघर हो गए हैं और इनका पूरा घर ही तबाह हो गया है. विश्व खाद्य कार्यक्रम ने पहले भी ट्वीट करते हुए लिखा था कि देश की अधिकांश आबादी को मानवीय सहायता की सख्त जरूरत है और तालिबान के कब्जे के बाद से अफगान लोग भूखे मर रहे हैं और वे अपने ही देश में सुख-शांति से जीवन व्यतीत करना भूल गए हैं ।

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