अडानी:सरकार के लिए  विदेश से लायेंगे कोयला! हाथ आएगा एक बड़ा कॉन्ट्रैक्ट, शेयरों में आई तेजी

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अडानी एंटरप्राइजेज ने फ्रेट-ऑन-रोड (FOR) आधार पर 2.416 मिलियन टन (mt) कोयले की सप्लाई के लिए 4,033 करोड़ रुपये की बोली लगाई है। वहीं, मोहित मिनरल्स ने 4,182 करोड़ रुपये की बोली लगाई।

न्यूज जंगल डेस्क कानपुर :- कोल इंडिया लिमिटेड (CIL ) के पहले कोयला आयात का टेंडर गौतम अडानी की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज (Adani enterprises) को मिलना लगभग तय है। दरअसल, कोल इंडिया (Coal india) के लिए कोयला आयात करने के लिए अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने सबसे कम दर पर बोली लगाई है। बता दें कि यह टेंडर कोल इंडिया ने पावर जेनरेशन कंपनियों की तरफ से जारी किया था।

रिपोर्ट के अनुसार, अडानी एंटरप्राइजेज ने फ्रेट-ऑन-रोड (FOR) आधार पर 2.416 मिलियन टन (mt) कोयले की सप्लाई के लिए 4,033 करोड़ रुपये की बोली लगाई है। वहीं, मोहित मिनरल्स ने 4,182 करोड़ रुपये की बोली लगाई। चेट्टीनाड लॉजिस्टिक्स ने 4,222 करोड़ रुपये की बोली लगाई। शुक्रवार को बोलियां खोली गईं। आपको बता दें कि देश में कोयले की कमी को दूर करने के लिए विदेश से कोयला आयात कर सात पब्लिक सेक्टर की थर्मल पावर कंपनियों और 19 निजी पावर प्लांट को उपलब्ध कराने की योजना है। आज सोमवार को अडानी एंटरप्राइसेज के शेयरों (Adani Enterprises share price) में 2% तक की तेजी देखी गई है। कंपनी के शेयर 2,260.60 रुपये पर ट्रेड कर रहे हैं।
 

पहले भी मिल चुका है आयात की जिम्मेदारी
अडानी एंटरप्राइजेज को जनवरी और जून के बीच नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन यानी एनटीपीसी (NTPC) से कोयला आयात के कई कॉन्ट्रैक्ट दिए गए थे। अडानी ग्रुप ने पिछले साल दिसंबर में ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड में अपनी कारमाइकल खदानों से कोयले की पहली खेप भारत भेजी थी। उद्योग सूत्रों के मुताबिक, अडानी ग्रुप मंगलवार को खुलने वाले 6 मीट्रिक टन कोयला आयात करने के टेंडर के लिए भी बोली लगा सकता है। आपको बता दें कि CIL ने पहले ही कहा था कि पूर्व बैठक में कुल 11 आयातकों और कुछ विदेशी व्यापारियों ने बिडिंग में रुचि दिखाई थी।

मानसून के बाद चरम पर होती है बिजली की डिमांड
आपको बता दें कि सरकार मानसून से पहले कोल माइनिंग और सप्लाई कम होने से पहले बिजली प्लांट में पर्याप्त स्टॉक रखने के लिए आयातित कोयले पर विचार कर रही है। उच्च कृषि खपत और गर्म मौसम की स्थिति के कारण भारत की बिजली की मांग मानसून के बाद चरम पर होती है। Central Electricity Authority से उपलब्ध आंकड़ों से पता चलता है कि थर्मल पावर प्लांट्स में 26.8 मिलियन टन कोयले का स्टॉक था। प्लांट इसे घरेलू कोयले के साथ मिश्रित करेंगे। सरकार ने सभी बिजली प्लांट्स को अपनी कोयले की आवश्यकता का 10% आयात करने को कहा है।

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