आम आदमी पार्टी ने रुझानों में किया क्लीन स्वीप, चार राउंड के बाद CM चन्नी पिछड़े 

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 न्यूज़ जंगल नेटवर्क, कानपुर : सालभर से किसान आंदोलन को लेकर सुर्खियों में रहा पंजाब चुनावी चौखट पार कर चुका है। चुनाव से पहले मुख्यमंत्री की बेदखली और फिर गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले भी खबरों में बने रहे। हालांकि आज इन सबसे इतर चर्चा चुनाव परिणाम की है। बस कुछ देर के इंतजार के बाद तस्वीर साफ हो जाएगी कि पंजाब का प्रधान कौन बनेगा? चन्नी करेंगे चमत्कार या कैप्टन संभालेंगे कमान… या फिर मान का बढ़ेगा सम्मान, शुरुआती रुझानों में आम आदमी पार्टी पंजाब में दिल्ली की कहानी दोहराकर जोरदार बहुमत हासिल करती नजर आ रही है। दूसरे नंबर के लिए कांग्रेस और अकाली दल में कड़ी टक्कर है। हालांकि यह केवल रुझान हैं और नतीजों के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा। अब तक के रुझान यहां देखें…

कुल सीटेंकांग्रेसAAPअकालीभाजपा+अन्य
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काउंटिंग अपडेट्स..

  • पंजाब के दिग्गज नेता अपनी सीटों पर पिछड़ते नजर आ रहे हैं। इनमें CM चरणजीत चन्नी, कैप्टन अमरिंदर सिंह, नवजोत सिंह सिद्धू और सुखबीर सिंह बादल शामिल हैं।
  • पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पटियाला शहर सीट से पीछे चल रहे हैं।
  • CM चरणजीत सिंह चन्नी भदौड़ और चमकौर साहिब सीट से पीछे चल रहे हैं। उनके सभी मंत्री भी पिछड़ते नजर आ रहे हैं।
  • अमृतसर ईस्ट सीट से पंजाब कांग्रेस के प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू पिछड़कर तीसरे नंबर पर पहुंच गए हैं।
  • पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी चमकौर साहिब में गुरुद्वारा श्री कतलगढ़ साहिब में माथा टेकने पहुंचे।
  • आप के CM कैंडिडेट भगवंत मान ने संगरूर के गुरुद्वारा साहिब में माथा टेका। उनके घर सुबह से जलेबियां बननी शुरू हो गईं और घर को सजाया भी गया है।
  • प्रशासन की पूरी तैयारी न होने के कारण नवांशहर जिले के बलाचौर में वोटों की गिनती पूरे 21 मिनट की देरी से 8:21 बजे शुरू हुई।

एग्जिट पोल में आप सबसे बड़ी पार्टी
एग्जिट पोल्स में आम आदमी पार्टी के सबसे बड़ी पार्टी बनने का अनुमान लगाया गया है। अकाली दल-BSP गठबंधन दूसरे नंबर पर रह सकता है। तीसरे पर कांग्रेस तो वहीं भाजपा का दहाई के आंकड़े तक पहुंचना भी मुश्किल लग रहा है।

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पिछले चुनाव से 5% कम वोटिंग
पंजाब में इस बार वोटिंग 2017 के 77.20% की तुलना में करीब 5% घटकर 71.95% रह गई। पिछले 5 चुनावों की बात करें तो मतदान भले ही कम या ज्यादा हुआ हो, लेकिन बहुमत जरूर मिलता है। पंजाब में सरकार बनाने में मालवा रीजन का सबसे अहम रोल माना जाता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि अकेले मालवा में ही विधानसभा की 69 सीटें हैं। 2017 के चुनाव में कांग्रेस ने यहां की 40 सीटें जीतकर सत्ता हासिल की थी। साल 2012 में अकाली दल ने मालवा से 33 सीटें जीती थीं, तब उनकी सरकार बनी थी।

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