14 साल की बच्ची ने रुकवाया अपना ही बाल विवाह, परिजनों ने बेटी का किया तिरस्कार

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न्यूज जगंल डेस्क, कानपुर : उदयपुर में 14 साल की एक बच्ची ने परिजनों द्वारा करवाए जा रहे हैं खुद के बाल विवाह (Child Marriage) का बड़ी बहादुरी और हिम्मत के साथ विरोध कर उसे रुकवा दिया. इस बच्ची ने अपने परिजनों और समाज से बाल विवाह नहीं करवाने के लिये लड़ाई तो लड़ ली, लेकिन अब पूरा परिवार उसे अपनाने के लिए तैयार नहीं है. बच्ची के परिजनों को समझाने के लिए बाल संरक्षण आयोग (Child Protection Commission) की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल भी उदयपुर पहुंची, लेकिन वे भी उन्हें समझाने में असफल रही. फिलहाल इस बच्ची को बालिका गृह में रखने के आदेश दिए गये हैं.

मामला उदयपुर के कुराबड़ के समीप भूतिया गांव का है. यहां इस नाबालिग के चाचा की शादी नहीं होने के कारण आटा-साटा के तहत महज 14 वर्ष की उम्र में ही परिजन उसकी शादी करवा रहे थे. इस पर नाबालिग ने बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल को अपने शादी का कार्ड व्हाट्सएप कर इसे रुकवाने का आग्रह किया.

बाल विवाह तो रुक गया लेकिन परिजनों से शुरू हो गई लड़ाई
मैसेज मिलते ही संगीता बेनीवाल तुरंत एक्शन में आई और उन्होंने स्थानीय पुलिस की मदद से परिजनों को पाबंद करा दिया. एकबारगी तो इस बच्ची की हिम्मत से इसका बाल विवाह रुक गया लेकिन अब इसकी लड़ाई अपने परिजनों और समाज के लोगों से ही शुरू हो गई. परिजनों ने बच्ची को अपनाने से इनकार कर दिया है.

समाज से निकाले जाने के डर से परिजनों ने किया इनकार
परिजनों द्वारा बच्ची को नहीं अपनाने की जानकारी मिलने पर बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष संगीता बेनीवाल अपनी टीम के साथ सोमवार को उदयपुर पहुंची. उन्होंने पहले तो इस बच्ची से मुलाकात कर उसकी हिम्मत के लिए उसे बधाई दी. फिर उसे लेकर उसके परिवार के पास पहुंची. बच्ची को देखते ही उसकी मां आग बबूला हो गई. परिवार के लोगों ने समाज से निकाले जाने और आर्थिक दंड भरने की आशंका के चलते उसे अपनाने से मना कर दिया.

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बच्ची को बालिका गृह में रखने के आदेश
बेटी को 9 महीने तक कोख में रखने वाली मां ने समाज के लोगों के बीच ही कहा कि हमारे यहां बाल विवाह एक परंपरा है. बेटी ने हमें समाज में बेइज्जत किया है. इसलिए यह अब हमारे लिए मर गई है. परिजनों से काफी समझाइश के बाद भी जब वे उसे रखने के लिए तैयार नहीं हुए तो बाल संरक्षण आयोग ने बच्ची को बालिका गृह में विशेष देखरेख के साथ रखने के आदेश दिए हैं. वहां नाबालिग को अच्छी पढ़ाई उपलब्ध करवाने के लिये आश्वस्त किया गया है.

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