IIT कानपुर के 55वें दीक्षांत समारोह में 1360 छात्रों को मिली डिग्री,

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समारोह की अध्यक्षता बोर्ड ऑफ गवर्नर्स (बीओजी) के अध्यक्ष डॉ राधाकृष्णन के कोप्पिल ने की. आईआईटी कानपुर ने इस वर्ष नारायण हेल्थ के संस्थापक और अध्यक्ष डॉ. देवी प्रसाद शेट्टी का मुख्य अतिथि के रूप में ऑनलाइन स्वागत किया. डॉ शेट्टी को एक प्रसिद्ध कार्डियक सर्जन और एक सफल उद्यमी के रूप में जाना जाता है

न्युज जंगल डेस्क कानपुर:– भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर ने बुधवार को अपने 55वें दीक्षांत समारोह का आयोजन किया. इस वर्ष बतौर मुख्य अतिथि नारायण हेल्थ के संस्थापक और अध्यक्ष डॉ. देवी प्रसाद शेट्टी कार्यक्रम में मौजूद रहे.

कौन हैं डॉ. देवी प्रसाद शेट्टी?

समारोह की अध्यक्षता बोर्ड ऑफ गवर्नर्स (बीओजी) के अध्यक्ष डॉ राधाकृष्णन के कोप्पिल ने की. आईआईटी कानपुर ने इस वर्ष नारायण हेल्थ के संस्थापक और अध्यक्ष डॉ. देवी प्रसाद शेट्टी का मुख्य अतिथि के रूप में ऑनलाइन स्वागत किया. डॉ शेट्टी को एक प्रसिद्ध कार्डियक सर्जन और एक सफल उद्यमी के रूप में जाना जाता है. उन्हें कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा गया है, जिनमें पद्म भूषण, पद्म श्री, द इकोनॉमिस्ट इनोवेशन अवार्ड और आर्थिक और व्यावसायिक नवाचार के लिए निक्केई एशिया पुरस्कार शामिल हैं.

दीक्षांत समारोह का रहता है बेसब्री से इंतजार

आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने कहा, ‘दीक्षांत समारोह एक ऐसा अवसर है जिसका सभी छात्र बेसब्री से इंतजार करते हैं. यह संस्थान के लिए भी एक महत्वपूर्ण वार्षिक अवसर होता है क्योंकि इस दिन हम एक और बैच की कामयाबी का जश्न मनाते हैं. देश और समाज के लिए अधिक से अधिक अच्छा करने के लिए अकादमिक दुनिया से बाहर असल व्यवहारिक दुनिया में जा रहे छात्र-छात्राओं का दिन होता है. हर साल की तरह मैं स्नातक छात्रों और पुरस्कार विजेताओं के लिए शुभकामनाएं देता हूं. मुझे उम्मीद है कि वे हमारे संस्थान में सिखाए गये मूल्यों को विकसित करना जारी रखेंगे और बेहतर इंसान बनेंगे.’

‘आईआईटी कानपुर हमेशा से अग्रणी रहा’

मुख्य अतिथि के रूप में ऑनलाइन उपस्थित नारायण हेल्थ के अध्यक्ष डॉ. देवी प्रसाद शेट्टी ने कहा, ‘सबसे पहले आज के दिन डिग्री और पुरस्कार प्राप्त करने वालों को बहुत-बहुत बधाई. मुझे इस शुभ अवसर का हिस्सा बनकर खुशी हो रही है. हम सकारात्मक बदलाव लाने के संकल्प के साथ दुनिया में बदलाव करने वालों का एक और जत्था देख रहे हैं.’ उन्‍होंने कहा कि आईआईटी कानपुर हमेशा से अग्रणी रहा है. इसने वर्षों से कई जीवन रक्षक चिकित्सा नवाचारों और पहलों का नेतृत्व किया है. उम्मीद है कि डिग्री प्राप्त करने वाले छात्र उन्हीं आदर्शों को प्रतिबिंबित करेंगे जो आईआईटी कानपुर में पैदा हुए और इस दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने की कोशिश करेंगे.

1360 छात्रों को मिली डिग्री

इस वर्ष कुल 1360 छात्रों को डिग्री मिली हैं. इनमें से 116 पीएचडी से, 10 एमटेक-पीएचडी (संयुक्त डिग्री), 144 एमटेक से, 556 बीटेक से, 53 एमबीए से, 14 एम. डेस (M.Des) से, 25 MS (रिसर्च द्वारा), 40 PGPEX-VLFM से हैं, 144 MSc (2 वर्षीय कोर्स) से, 24 डबल मेजर से, 108 डुअल डिग्री से, 21 MS-PD (MS दोहरी डिग्री का हिस्सा) और 105 बीएस से रहे

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