केंद्रीय सशस्त्र बलों और असम राइफल्स में अग्निवीरों के लिए आरक्षित होंगी 10% सीटें, केंद्रीय सशस्त्र बलों और असम 

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सीएपीएफ और असम राइफल्स में भर्ती के लिए अग्निवीरों को तय ऊपरी आयु सीमा से 3 साल की छूट दी जाएगी। वहीं, अग्निवीर के पहले बैच के लिए आयु में छूट निर्धारित ऊपरी आयु सीमा से 5 वर्ष के लिए होगी।

न्यूज जंगल कानपुर डेस्क :- अग्निपथ योजना को लेकर बवाल के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय का बड़ा फैसला किया है। मंत्रालय ने केंद्रीय सशस्त्र सैनिक बलों (CAPFs) और असम राइफल्स में अग्निवीरों की भर्ती के लिए 10% सीटों को आरक्षित करने का फैसला किया है। इसके अलावा, अर्ध सैनिक बलों और असम राइफल्स में भर्ती के लिए अग्निवीरों को तय ऊपरी आयु सीमा से 3 साल की छूट दी जाएगी। अग्निवीर के पहले बैच के लिए उम्र में छूट निर्धारित ऊपरी आयु सीमा से 5 वर्ष के लिए होगी।

एक अधिकारी ने कहा, “अर्धसैनिक बलों और असम राइफल्स में 10% सीटें आरक्षित करने का निर्णय उन युवाओं को कुछ हद तक ‘स्थायी नौकरी’ का आश्वासन देगा, जो देश भर में ‘अग्निपथ’ योजना का हिंसक विरोध कर रहे हैं। आयु में 3 साल की छूट भी अधिकतर अग्निवीरों को सीएपीएफ में आने में मदद करेगी, जिनकी सशस्त्र बलों में चार साल की सर्विस पूरी हो चुकी है।”

अग्निपथ योजना’ का देश के कई हिस्सों में विरोध
सेना में भर्ती की घोषित नई ‘अग्निपथ योजना’ का देश के कई हिस्सों में युवा विरोध कर रहे हैं। अग्निपथ के खिलाफ बिहार में प्रदर्शन कर रहे छात्र संगठनों ने आज ‘राज्य बंद’ का आह्वान किया है। राजद की बिहार इकाई के अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने वाम दलों के नेताओं की उपस्थिति में ‘बिहार बंद’ के आह्वान को अपनी पार्टी के समर्थन की घोषणा की। उन्होंने कहा कि हम उन छात्रों के समर्थन में हैं जो अग्निपथ भर्ती योजना के विरोध में सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं।

शुक्रवार को प्रदर्शन के दौरान एक व्यक्ति की मौत
विरोध प्रदर्शन के दौरान शुक्रवार को तेलंगाना के सिकंदराबाद में पुलिस की गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई। आक्रोशित युवाओं के प्रदर्शन के दौरान कई ट्रेनों में आग लगा दी गई, निजी, सार्वजनिक वाहनों, रेलवे स्टेशन में तोड़फोड़ की गई और राजमार्गों व रेलवे लाइन को अवरूद्ध कर दिया गया। शुक्रवार को जान गंवाने वाले युवक की पहचान वारंगल जिले के दबीरपेट गांव के रहने वाले 24 वर्षीय राकेश के रूप में हुई है। बुधवार से शुरू हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद मौत का यह पहला मामला सामने आया है। 

340 ट्रेनों की आवाजाही पर पड़ा असर 
रेलवे अधिकारियों ने कहा कि 340 ट्रेन का परिचालन प्रभावित हुआ और अब तक 234 ट्रेन रद्द की जा चुकी हैं। अधिकारियों ने कहा कि प्रदर्शनकारी अब तक सात ट्रेनों के डिब्बों को आग लगा चुके हैं। प्रदर्शनकारियों ने पूर्व मध्य रेलवे (ईसीआर) जोन में तीन चलती ट्रेनों के डिब्बों और उसी जोन के कुल्हरिया में एक खाली बोगी को क्षतिग्रस्त कर दिया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के बलिया में धुलाई के लिये कतार में खड़ी एक ट्रेन की एक बोगी को भी नुकसान पहुंचाया गया। ईसीआर जोन में अब तक 64 ट्रेन को गंतव्य से पहले ही रोक दिया गया है।

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