यूपी:जल्द ही कूड़े की गंध से मिलेगी निजात ,जापान की मियावाकी विधि से लगेंगे पेड़

गोरखपुर का एकल बाध जहां पर कूडों का ढेर लगा रहता है. लोगों को इसकी गंध से परेशानी होती वहीं अब इस एकला बाध का निस्तारण किया जा रहा है. नगर निगम पर एनजीटी की कार्रवाई के बाद इस काम को शुरू किया गया है.

News jungal desk :गोरखपुर का एकला बांध एक ऐसी जगह है जहां लगभग शहर के कूड़े को गिराया जाता है । शहर के लोग यहां पर कूड़ा गिरने और उसकी गंध से परेशान रहते हैं । इसका निस्तारण भी किया जाता है । लेकिन अब तक कोई परमानेंट निस्तारण नहीं किया गया है । लेकिन वही नगर निगम अब जल्दी इसे खत्म करेगा और यहां जापानी विधि से पौधे लगाने का सिलसिला शुरू करेगा । एकला बांध पर अब तक लगभग 50 हजार टन कूड़े का निस्तारण किया जा चुका है. बचे 2 लाख टन कूड़े को लगभग 3 से 4 महीने में निस्तारित कर दिया जाएगा. कूड़े के निस्तारण के बाद यहां पर जापानी टेक्नोलॉजी से पौधे लगाए जाएंगे. जिससे आसपास के लोगों को राहत मिलेगी और गंध से भी छुटकारा मिलेगा ।

गोरखपुर का एकला बाध जहां पर कूडों का ढेर लगा रहता है. लोगों को इसकी गंध से परेशानी होती वहीं अब इस एकला बाध का निस्तारण किया जा रहा है. नगर निगम पर एनजीटी की कार्रवाई के बाद इस काम को शुरू किया गया है. अब तक लगभग 50 हजार टन कूड़े का निस्तारण किया जा चुका है. वहीं इसे RFD ‘रिफ्यूज व्युत्पन्न ईंधन’ के लिए 400 टन प्लास्टिक खराब कपड़े और कई चीज राजस्थान और बिहार की सीमेंट फैक्ट्री को भेजे जा रहे हैं. वही नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने बताया कि, नगर निगम जल्द इस कूड़े का निस्तारण कर देगा और यहां पर जापानी विधि से पौध रोपण किए जाएंगे. इसके लिए वन निगम से भी संपर्क कर निरीक्षण किया गया है. जल्दी यहां पर पौधे लगाने का सिलसिला शुरू होगा.

क्या है मियावाकी पद्धति
गोरखपुर के एकला बाध पर जल्दी जापान की पद्धति से पौधे लगाए जाएंगे. जापान की मियांवाकी पद्धति से यहां पौधे लगाने का सिलसिला शुरू होगा. DFO विकास यादव ने बताया कि, मियांवाकी पद्धति जंगलों को तेजी से बढ़ने और घने प्राकृतिक बनाने में मदद करता है. इसके साथ ही यह काफी घने होते हैं. इन्हें खाद पानी जैसे नियमित रखरखाव की जरूरत नहीं होती है. वही यह पौधे 60 से 80 सेंटीमीटर ऊंचे होते हैं. थोड़े-थोड़े दूर पर लगाने पर भी यह काफी घने हो जाते हैं. वहीं एकला बाध पर कूड़ा निस्तारण होने के बाद जापान की पद्धति से वहां पौधे लगाए जाएंगे. फिर उस जगह को पूरी तरीके से हरियाली में बदल दिया जाएगा.

Read also :- UPI पेमेंट्स के बीच करना पड़ सकता है 4 घंटे का इंतजार, नया फैसला लेगी भारत सरकार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *