कम दबाव का क्षेत्र, जो दक्षिण अंडमान सागर और निकटवर्ती मलक्का जलडमरूमध्य पर बना था, अब एक अच्छी तरह से चिह्नित LPA (लो प्रेशर एरिया) में बदल गया है. तूफान ‘माइचौंग’ 30 नवंबर तक दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में पहुंच सकता है ।
News jungal desk :- भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बुधवार को एक विकासशील मौसम प्रणाली के संबंध में चेतावनी जारी करते हुए कहा कि बंगाल की दक्षिणपूर्व खाड़ी और उससे सटे दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र अब एक अच्छी तरह से चिह्नित कम दबाव वाले क्षेत्र में बदल गया है ।
पूर्वानुमानकर्ताओं का अनुमान है कि सिस्टम के पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ने की उम्मीद है। और जो धीरे-धीरे 30 नवंबर तक दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी पर एक दबाव में बदल जाएगा । और अगले 48 घंटों के भीतर दक्षिण-पश्चिम और इससे सटे दक्षिणपूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवाती तूफान ‘माइचौंग’ के रूप में विकसित होगा और इसके अधिक मजहबूत होने का अनुमान है ।
मौसम पूर्वानुमान एजेंसी निकोबार द्वीप समूह के अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश की उम्मीद कर रही है । और 29 नवंबर से 1 दिसंबर के बीच भारी से बहुत भारी वर्षा की कुछ घटनाएं हो सकती हैं । अंडमान द्वीप समूह के अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है. वहीं 30 नवंबर को बहुत भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है.
IMD के अनुसार 29 नवंबर को दक्षिण अंडमान सागर और आसपास के अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 25 से 35 किमी प्रति घंटे से लेकर 45 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक तेज हवाएं चलने की उम्मीद है. बंगाल की दक्षिणपूर्वी खाड़ी में 30 नवंबर को 40 से 50 किमी प्रति घंटे से लेकर 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तूफानी हवाएं चलने का अनुमान है. 1 दिसंबर को यह बढ़कर 50 से 60 किमी प्रति घंटे से लेकर 70 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने की उम्मीद है. 2 दिसंबर को 60 से 70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़कर 80 किमी प्रति घंटे हो जाएगी.
IMD के अनुसार 29 नवंबर को दक्षिण अंडमान सागर और आसपास के अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 25 से 35 किमी प्रति घंटे से लेकर 45 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक तेज हवाएं चलने की उम्मीद है. बंगाल की दक्षिणपूर्वी खाड़ी में 30 नवंबर को 40 से 50 किमी प्रति घंटे से लेकर 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तूफानी हवाएं चलने का अनुमान है. 1 दिसंबर को यह बढ़कर 50 से 60 किमी प्रति घंटे से लेकर 70 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने की उम्मीद है. 2 दिसंबर को 60 से 70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़कर 80 किमी प्रति घंटे हो जाएगी.
मछुआरों को सलाह दी गई है कि वे 29 और 30 नवंबर को दक्षिण अंडमान सागर में न जाएं और 30 नवंबर से 2 दिसंबर तक दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी से बचें. IMD ने उनसे 30 नवंबर और 2 दिसंबर को दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी से दूर रहने और 1 दिसंबर की सुबह से मध्य बंगाल की खाड़ी में जाने से परहेज करने का भी आग्रह किया.
अलर्ट पर ओडिशा सरकार
वहीं ओडिशा सरकार ने दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर कम दबाव के क्षेत्र के बीच राज्य के सात तटीय जिलों को अलर्ट पर रखा है. बालासोर, भद्रक, केंद्रपाड़ा, जगतसिंहपुर, पुरी, खुर्दा और गंजम जिलों के कलेक्टरों को लिखे एक पत्र में, विशेष राहत आयुक्त सत्यब्रत साहू ने कहा कि दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र एक निम्न दवाब और बाद में इसके सघन होने की संभावना है और यह चक्रवाती तूफान में बदल सकता है ।
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