सेंसर बोर्ड ने चलाई 38 साल पहले आई बॉलीवुड की बिंदास फिल्म पर कैंची

38 साल पहले एक ऐसी फिल्म राज कपूर साहब ने बनाई, जिसकी कहानी से लेकर और गानों तक ने बॉक्स ऑफिस पर गदर मचा दिया था. फिल्म की रिलीज से पहले इसकी एक प्राइवेट स्क्रीनिंग रखी गई, जिसमें उनके करीबी रिश्तेदारों के साथ पारिवारिक दोस्त शरीक हुए. फिल्म को देखने वालों ने कह दिया था कि फिल्म पर कैंची तय है. सेंसर बोर्ड की कैंची भी लगी, लेकिन फिर भी राज कपूर ने फिल्म को मिले A सर्टिफिकेट को U सर्टिफिकेट में बदलवा लिया. कौन सी थी, ये फिल्म चलिए आपको बताते हैं…

News jungal desk :बॉलीवुड में फिल्म बनना और उसको पर्दे पर लाने के लिए मेकर्स को बड़ी मशक्कत करनी पड़ती है । और ये मशक्कत फिल्म की कहानी से शुरु होती है । फिर मनचाहे किरदारों को फिल्म में लेना, मनपसंद जगह पर शूटिंग और फिर फिल्म पूरी हो जाने पर सेंसर बोर्ड में पास कराना मेकर्स के लिए सबसे बड़ा टास्क होता है । मेकर्स जब फिल्म को बनाते हैं तो उनकी पहली ख्वाहिश होती है कि उनकी फिल्म ज्यादा से ज्यादा स्क्रीन्स पर रिलीज हो और हर वर्ग उनकी फिल्म को देख सके । और लेकिन, ऐसा हर फिल्म के साथ संभव नहीं होता. हाल ही में रिलीज हुई रणबीर कपूर फिल्म ‘एनिमल’ को सेंसर बोर्ड से A सर्टिफिकेट मिला. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि रणबीर कपूर के दादा यानी राज कपूर की एक फिल्म को भी 38 साल पहले एक ब्लॉकबस्टर फिल्म के लिए A सर्टिफिकेट मिला था, लेकिन उन्होंने ऐसा जुगाड़ लगाया कि फिल्म को A से U सर्टिफिकेट मिला गया है ।

38 साल पहले एक ऐसी फिल्म राज कपूर साहब ने बनाई, जिसकी कहानी से लेकर और गानों तक ने बॉक्स ऑफिस पर गदर मचा दिया था और फिल्म की रिलीज से पहले इसकी एक प्राइवेट स्क्रीनिंग रखी गई, जिसमें उनके करीबी रिश्तेदारों के साथ पारिवारिक दोस्त शरीक हुए. फिल्म को देखने वालों ने कह दिया था कि फिल्म पर कैंची तय है. सेंसर बोर्ड की कैंची भी लगी, लेकिन फिर भी राज कपूर ने फिल्म को मिले A सर्टिफिकेट को U सर्टिफिकेट में बदलवा लिया. कौन सी थी, ये फिल्म चलिए आपको बताते हैं…

राज कपूर के डायरेक्शन में बनी थी फिल्म
38 साल पहले राज कपूर के डायरेक्शन में एक फिल्म बनी थी. फिल्म की कहानी से ज्यादा फिल्म के एक गाने ने गदर मचाया था. करीब 1 करोड़ 44 लाख के बजट में बनी इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया था. फिल्म में राजीव कपूर और मंदाकिनी साथ नजर आए थे. अब तो शायद आप समझ गए होंगे कि हम किस फिल्म की बात कर रहे हैं. ये फिल्म है साल 1985 में रिलीज हुई फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली

1959 में बन गई थी फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’
ये बात थोड़ी हैरान कर देने वाली है लेकिन राज कपूर ने फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’ को 1959 में ही बना लिया था. दरअसल, साल 1959 में राज कपूर एक फिल्म बना रहे थे ‘जिस देश में गंगा बहती है’ उस फिल्म की शूटिंग के दौरान ही उन्होंने फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’ का आइडिया अपने दिमाग में बना लिया था, जिसे 26 साल बाद राज कपूर ने इस आईकॉनिक फिल्म को पर्दे पर उतारा.

रिलीज से पहले जब राज कपूर ने रखी फिल्म की प्राइवेट स्क्रीनिंग
‘राम तेरी गंगा मैली’ एक ड्रामा फिल्म है. फिल्म तैयार हुई तो फिल्म की रिलीज से पहले राज कपूर ने एक प्राइवेट स्क्रीनिंग रखी, जिसे देखने के लिए उनके करीबी रिश्तेदार और पारिवारिक दोस्त पहुंचे. राज साहब के इन दोस्तों में उनके सबसे खास दोस्तों में एक टीपी झुनझुनवाला भी मौजूद थे. फिल्म देखने के बाद जब चाय नाश्ते का दौर चला तो राज कपूर ने झुनझुनवाला से पूछा, और ये बताओ फिल्म कैसी लगी?

राज साहब के दोस्त ने जब कहा, ‘मुझे नहीं लगता सेंसर बोर्ड फिल्म को पास करेगा’
राज साहब ने झुनझुनवाला ने कहा, ‘फिल्म तो अच्छी है और दर्शकों को पसंद भी आएगी, लेकिन फिल्म में एक गाना है, जिसमे मंदाकिनी के झरने में जाने से पहले उसका पल्लू हवा में उड़ जाता है, मुझे नहीं लगता सेंसर बोर्ड इस सीन को पास करेगा’. जवाब में राज कपूर ने हंसते हुए कहा, ‘मैं जानता हूं ये सीन को सेंसर बोर्ड काट देगा और न सिर्फ ये सीन बल्कि कई और बिंदास सीन पर भी कैंची चलेगी.’

कैसे फिल्म को मिला U सर्टिफिकेट
दोनों दोस्तों के बीच जो बात हुई, हुआ भी वैसा ही… दरअसल, जब सेंसर बोर्ड में फिल्म सर्टिफिकेट के लिए पहुंची तो सेंसर बोर्ड ने ये सीन काट दिया. साथ में कुछ और बिंदास सीन को भी काट दिया गया और A सर्टिफिकेट दे दिया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सेंसर बोर्ड में फिल्म के फंसने के बाद पर राज कपूर खुद दिल्ली गए और फिल्म उन्होंने जाने क्या तिगड़म लगा कि न सिर्फ इस सीन को पास करवाया बल्कि अधिकतर बिंदास सीन को भी फिल्म में शामिल करवा लिया और फिर फिल्म को मिला A सर्टिफिकेट भी बदलवाकर U सर्टिफिकेट करवा लिया. ये सब कैसे हुई ये राज भी राज कपूर के साथ हमेशा के लिए चला गया.

क्या थी फिल्म की कहानी
गंगा का पति उसे छोड़कर चला जाता है, वह अपने पति को ढूंढने और अपने बेटे का बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने के लिए कलकत्ता जाती है. लेकिन उसे धोखा देकर, वेश्यालय में काम करने के लिए मजबूर किया जाता है.

फिल्म का कमाई
38 साल पहले रिलीज हुई इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर खूब नोट कमाए थे. फिल्म बनने में लागत थी सिर्फ 1 करोड़ 44 लाख और मेकर्स ने फिल्म से 19 करोड़ का कारोबार किया था. साल 1985 में आई फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’ उस साल की सबसे ज्यादा कमाने वाली फिल्म थी ।

यह भी पढ़े : लश्कर के अदनान को कराची में मारी गई गोली, CRPF काफिले पर हमले का था मास्टरमाइंड

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *