अतीक अहमद के भाई अशरफ को यूपी पुलिस बरेली से प्रयागराज ला रही, अतीक के अंदाज में भाई अशरफ बोला- डर काहे का?

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बरेली सेंट्रल जेल से प्रयागराज जा रहे अशरफ ने पुलिस वैन में बैठते वक्त कुछ लोगो ने रमजान की बधाई दी । साथ ही जब उससे डर को लेकर सवाल किया गया तो उसने कहा कि डर किस चीज का।

News jungal desk : राजू पाल हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल का अपहरण और हत्या मामले में आरोपी अतीक अहमद के भाई ने अशरफ उर्फ खालिद असीम ने एक एक्सक्लूसिव बयान दिया है । बरेली सेंट्रल जेल से प्रयागराज जा रहे अशरफ ने पुलिस वैन में बैठते वक्त बात करते हुए सभी को रमजान की बधाई दी । साथ ही जब उससे डर को लेकर सवाल किया गया तो उसने कहा कि डर किस चीज का । एक तरफ आज अशरफ को बरेली से प्रयागराज ले जाया जा रहा है । वहीं दूसरी तरफ उसके बड़े भाई अतीक अहमद को साबरमती से प्रयागराज लाया जा रहा है ।

वहीं जब अतीक अहमद से डर को लेकर सवाल किया गया तो उसने भी बहुत ही तीखे अंदाज में बोला कि काहे का डर?  अतीक के भाई और पूर्व विधायक अशरफ ने जान का खतरा बताते हुए वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट में पेशी के लिए याचिका दाखिल की थी । लेकिन अदालत ने इस नामंजूर कर दिया था । और जिसके चलते अशरफ को आज सुबह प्रयागराज लाया जाएगा । हालांकि किस रूस से उसे लाया जाएगा, यह फिलहाल गोपनीय रखा गया है ।

राजू पाल हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल का अपहरण और हत्या मामले में आरोपी अतीक अहमद के भाई ने अशरफ उर्फ खालिद असीम ने एक एक्सक्लूसिव बयान दिया है । साथ ही जब उससे डर को लेकर सवाल किया गया तो उसने कहा कि डर किस चीज का. एक तरफ आज अशरफ को बरेली से प्रयागराज ले जाया जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ उसके बड़े भाई अतीक अहमद को साबरमती से प्रयागराज लाया जा रहा है ।

वहीं जब अतीक अहमद से डर को लेकर सवाल किया गया तो उसने भी बहुत ही तीखे अंदाज में बोला कि काहे का डर?  अतीक के भाई और पूर्व विधायक अशरफ ने जान का खतरा बताते हुए वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट में पेशी के लिए याचिका दाखिल करी थी । लेकिन अदालत ने इस नामंजूर कर दिया था. जिसके चलते अशरफ को आज सुबह प्रयागराज लाया जाएगा । हालांकि किस रूस से उसे लाया जाएगा, यह फिलहाल गोपनीय रखा गया है ।

बता दें कि अशरफ पर कुल 52 केस दर्ज हैं । उसपर बरेली जेल में बैठकर ही उमेश पाल की हत्या की साजिश रचने का भी आरोप है । और साल 2005 में 25 जनवरी को हुए बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में उमेश पाल मुख्य गवाह थे । गवाह से रोकने के लिए साल 2006 में 28 फरवरी को उमेश पाल का अपहरण हो गया, जिसके बाद कोर्ट में उमेश पाल ने अपना बयान बदल दिया था. फिर करीब एक साल बाद उमेश पाल ने धूमनगंज थाने में साल 2007 में अपहरण कर जबरन बयान दिलवाने के मामले में अतीक अहमद, अशरफ और दिनेश पासी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी ।

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