असम-अरुणाचल प्रदेश के बीच चल रहा सीमा विवाद आज सुलझेगा, अमित शाह की मौजूदगी में होगा एमओयू पर हस्ताक्षर

असम और अरुणाचल के बीच 50 साल पुराना सीमा विवाद का हल होने जा रहा है. दरअसल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) की उपस्थिति में असम और अरुणाचल प्रदेश सरकार के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर होने जा रहा है ।

News Jungal Desk : असम और अरुणाचल (Arunachal Pradesh) के बीच लंबे समय से चल रहे सीमा विवाद पर अब पूर्ण विराम लगने वाला है । दरअसल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) की उपस्थिति में असम और अरुणाचल प्रदेश सरकार के बीच नई दिल्ली में दोनों राज्यों के बीच लंबे समय से लंबित सीमा विवाद को हल करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर गुरुवार (20 अप्रैल) को हस्ताक्षर करे जाएंगे ।

असम कैबिनेट ने अरुणाचल प्रदेश के साथ दशकों से चल रहे सीमा विवाद के मुद्दे को हल करने के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित 12 क्षेत्रीय समितियों द्वारा दी गई सिफारिशों को बुधवार को मंजूरी दिया है । मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) की अध्यक्षता में गुवाहाटी में आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान यह निर्णय किया गया है ।

कैबिनेट के फैसलों की घोषणा करते हुए असम के मंत्री अशोक सिंघल ने बोला कि असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच लंबे समय से लंबित सीमा विवाद का मुद्दा सुलझने जा रहा है । और इसके अलावा राज्य मंत्रिमंडल ने राज्य में 8 मेगा परियोजनाओं के लिए 8201.29 करोड़ रुपये के निवेश को भी मंजूरी दिया है और इसके लिए 9 मई को MoU पर हस्ताक्षर किए जाएंगे । इन परियोजनाओं के तहत लगभग 6,100 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार का लाभ मिलेगा और इसके साथ ही राज्य मंत्रिमंडल ने 1975 के आपातकाल के 301 लोकतंत्र सेनानियों को 15-15 हजार रुपये मासिक पेंशन देने की भी मंजूरी दी गई है ।

दूसरी ओर राज्य मंत्रिमंडल ने सिटी गैस सेवा के लिए ऑयल इंडिया लिमिटेड और असम गैस कंपनी (51 प्रतिशत शेयर) की एक संयुक्त उद्यम कंपनी को मंजूरी दिया है ।

इससे पहले मार्च 2022 में असम और मेघालय सरकारों ने अपने 50 साल पुराने लंबित सीमा विवाद को हल करने के लिए यहां राष्ट्रीय राजधानी में एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे । और MHA द्वारा जांच और विचार के लिए 31 जनवरी को दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों द्वारा अमित शाह को एक मसौदा प्रस्ताव प्रस्तुत किए जाने के दो महीने बाद असम और मेघालय के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे । और असम और मेघालय की सरकारें सीमा के साथ 12 ‘मतभेद के क्षेत्रों’ में से छह में अपने सीमा विवादों को हल करने के लिए एक मसौदा प्रस्ताव लेकर आई थीं ।

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