झिझक छोड़ो, माइक पकड़कर और कर लो दुनिया मुट्ठी में-अजय कुमार

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विश्व रेडियो दिवस पर
जिम्सी में लगी सुरों की कार्यशाला

जुबां की वर्जिश स्वर में रवानगी और स्टेज एक्सपोजर से कोई भी बन सकता है सुर का जादूगर: समरीन
आरजे रघु व करिश्मा ने बांधा समां

विश्व रेडियो दिवस के अवसर पर जागरण इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट एंड मॉस कम्युनिकेशन (जिम्सी) में आयोजित सेमिनार में उपस्थित आईआईटी रेडियो के स्टेशन मैनेजर अजय कुमार, उत्तर प्रदेश संस्कृत विभाग के रेडियो स्टेशन जयघोष लखनऊ के प्रभारी दुर्गेश पाठक, लखनऊ दूरदर्शन की न्यूज रीडर व आरजे समरीन सिद्दीकी, रेडियो सिटी की आरजे करिश्मा, आरजे रघु रफ्तार, जिम्सी के पूर्व निदेशक एसपी त्रिपाठी। उनके साथ जिम्सी निदेशक प्रो उपेंद्र, फैकल्टी धीरज शर्मा व रामजी बाजपेयी व जिम्सी, जिम, जीडा और जागरण डिग्री कालेज के स्टूडेंट्स।

कानपुर। जागरण इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड मॉस कम्युनिकेशन कानपुर के साकेतनगर स्थित कैम्पस में वर्ल्ड रेडियो डे के अवसर पर वर्कशॉप ऑन न्यू रेडियो का आयोजन किया गया। वर्कशॉप में आईआईटी कानपुर रेडियो स्टेशन के मैनेजर अजय कुमार, संस्कृति विभाग के रेडियो जय घोष के मैनेजर दुर्गेश पाठक, दूरदर्शन न्यूज एंकर समरीन सिद्दीकी, आरजे रघु और आरजे करिश्मा ने छात्रों को रेडियो के माध्यम के जीवन में महत्व और रेडियो क्षेत्र में रोजगार के अनगिनत अवसरों की जानकारी दी।
आईआईटी कानपुर रेडियो स्टेशन के मैनेजर अजय कुमार ने छात्रों से सीधा संवाद करते हुए उनसे खुद को व्यक्त करने में शर्म और झिझक छोड़कर आगे आने का आह्वान किया और तेजी से आगे बढ़कर जिम्मेदारी लेने की भावना विकसित करने को कहा। उन्होंने कहा कि आप किसी भी स्ट्रीम के छात्र हों यदि आप को लोगों तक अपनी बात पहुंचाने, लोगों को अपना बनाने की चाहत है या शौक है तो जिम्सी का न्यू रेडियो कोर्स आपके लिए है। आप रेडियो की किसी भी शाखा का चुनाव कर अपना करियर बना सकते हैं। कम्युनिकेशन का स्किल डेवलप कर जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफल हो सकते हैं।
संस्कृति विभाग के रेडियो जय घोष के मैनेजर दुर्गेश पाठक ने कहा कि वर्ल्ड रेडियो डे पर आज जो चर्चाएं हुईं और आरजे करिश्मा और रघु ने जो मंत्र (टिप्स) दिये हैं यदि उन्हें बुलेट पाइंट बनाकर आप लोगों के बीच सर्कुलेट कर दिया जाए तो छात्र किसी भी फील्ड का हो वह अच्छा नागरिक और अच्छा व्यक्ति बन सकता है। उन्होंने कहा कि 90 फीसदी लोगों की आवाज अच्छी होती है हाव भाव, भाषा के हिसाब से वायस का परिमार्जन किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि पहले रेडियो के एंकर और समाचार वाचक खुद को रेडियो के भीतर ही सीमित रखते थे अब उनकी आवाज का जादू वायस ओवर से जीवन के हर आयाम में व्याप्त हो चुका है।
लखनऊ दूरदर्शन की न्यूज रीडर और जयघोष रेडियो की आरजे समरीन सिद्दीकी ने कहा कि बात न्यूज की हो या रेडियो की, आपका तलफ्फुज (उच्चारण) वायस माड्युलेशन और एम्प्राम्प्ट नालेज ही मूलाधार है। उच्चारण को टंग एक्सरसाइज, माड्युलेशन के लिए रवानगी और एम्प्राम्प्ट नालेज के लिए स्टेज एक्सपोजर, यह तीन ही मूलमंत्र हैं।
इससे पूर्व आरजे रघु ने छात्रों से कहा आज आरजे के रूप में ही नहीं हर फील्ड के लोगों की रेडियो में गुंजाइश बढ़ती जा रही है।
आरजे करिश्मा ने छात्रों से धैर्य पूर्वक बातों को सुनकर जवाब देने की स्किल्स डेवलप करने की टिप्स दीं। दोनों आरजे ने छात्रों के सवालों के जवाब भी दिये। सेमिनार में आईआईटी रेडियो के स्टेशन मैनेजर अजय कुमार, उत्तर प्रदेश संस्कृत विभाग के रेडियो स्टेशन जयघोष लखनऊ के प्रभारी दुर्गेश पाठक, लखनऊ दूरदर्शन की न्यूज रीडर व आरजे समरीन सिद्दीकी, रेडियो सिटी की आरजे करिश्मा, आरजे रघु रफ्तार, जिम्मी के पूर्व निदेशक एसपी त्रिपाठी, जिम की निदेशक सुश्री दिव्या चौधरी, डीन एकेडमिक अनिल सिंह, जिडा के निदेशक अमरदीप सिंह उपस्थित रहे। धन्यवाद ज्ञापन जिम्सी निदेशक प्रो उपेंद्र पाण्डेय ने किया।

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