कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के पूर्व अध्यक्ष नवाब बादशाह का शव कुएं में मिला,मचा हड़कंप

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एमपी के दमोह जिले में कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के पूर्व अध्यक्ष नवाब बादशाह की मौत हो गई. उनकी लाश कुएं में तैरते मिली. पुलिस ने लाश को जब्त कर पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल भेज दिया. परिजनों का आरोप है कि मृतक कर्ज देने वालों से परेशान था. कर्जदार उन्हें लगातार परेशान कर रहे थे ।

News Jungal Desk : मध्य प्रदेश के दमोह जिले में उस वक्त सनसनी फैल गई जब कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के पूर्व अध्यक्ष नवाब बादशाह का शव कुएं में देखा गया इसकी सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और पुलिस ने लोगों की मदद से लाश को बाहर निकाला और पंचनामा बनाया. इसके बाद पुलिस ने लाश को पोस्टमॉर्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया था । पुलिस का कहना है कि बादशाह बिना बताए घर से चले गए थे । उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज हुई थी । दूसरी ओर, परिजनों और परिचितों का आरोप है कि मृतक कर्ज देने वालों से परेशान था और कर्जदार उन्हें लगातार परेशान कर रहे थे. पुलिस मामले की जांच कर रही है ।

मामले को लेकर जांच अधिकारी अलजार सिंह ने बताया कि 5 मई दोपहर को थाना कोतवाली में नवाब बादशाह की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज हुई थी और . दूसरी ओर, थाने को यह भी सूचना मिली कि मुरैना तालाब के पास स्थित मजार के क्षेत्र के कुएं में लाश मिली है . हमने मौके पर पहुंचकर लोगों के सहयोग से उस लाश को बाहर निकाला है । जब उस लाश को देखा गया तो उसकी पहचान नवाब बादशाह के रूप में हुई । पहचान स्थापित होने के बाद लाश का पंचनामा कर उसके पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल पहुंचाया गया था । सिंह ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने और उसकी जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है ।

परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप
नवाब बादशह की मौत को लेकर परिजनों ने गंभीर आरोप लगाए हैं । और परिजनों और परिचितों का आरोप है कि कर्ज देने वाले उन्हें लगातार परेशान कर रहे थे । और वे उन पर लगातार रुपया वापस देने के लिए दबाव बना रहे थे । हो सकता है इसी के चलते उन्होंने यह कदम उठाया हो. दूसरी ओर, कुछ परिजन किसी अन्य तरह की आशंका भी जता रहे थे. नवाब बादशाह की मौत को लेकर शहर में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं ।

नवाब के दोस्तों ने कही ये बात
नवाब बादशाह के दोस्तों का कहना है कि नवाब इतने कमजोर नहीं थे कि वे आत्महत्या कर लें. हम उन्हें बचपन से जानते थे। उनके साथ हुए इस हादसे की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए । और एक अन्य दोस्त ने बोला कि नवाब हंसमुख थे, मिलनसार थे । लेकिन, कुछ दिनों से परेशान थे. वे आए दिन कर्जदारों का पैसा चुकाने के लिए रुपये की व्यवस्था में लगे रहते थे ।

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