देश की सबसे बड़ी एयरलाइन IndiGo एक बार फिर सुर्खियों में है। बेंगलुरु और हैदराबाद रूट पर 180 फ्लाइट्स जबकि दिल्ली से 152 फ्लाइट्स को कैंसिल करना पड़ा है। इस बड़े व्यवधान के बाद DGCA ने कड़ा कदम उठाते हुए एयरलाइन के फ्लाइट शेड्यूल में 5% तक की कटौती कर दी है। इससे आने वाले दिनों में यात्रियों को और भी कम उड़ानें उपलब्ध हो सकती हैं।
एविएशन इंडस्ट्री के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, IndiGo के इन रूट्स पर संचालन में लगातार अनियमितता और समय पर उड़ानें न चलाने की शिकायतें बढ़ रही थीं। इसी वजह से DGCA ने एयरलाइन को चेतावनी देते हुए उसके स्लॉट्स कम करने का निर्णय लिया है। DGCA का यह कदम यात्रियों की सुरक्षा, सुविधा और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने भी इस मामले पर कड़ा रुख दिखाया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि सरकार IndiGo के स्लॉट्स में कटौती करेगी और यह एयरलाइन के लिए "एक प्रकार की सजा" होगी। इसका मतलब है कि IndiGo को कई महत्वपूर्ण रूट्स पर उड़ानें चलाने की अनुमति सीमित कर दी जाएगी, जिससे उनकी ऑपरेशनल क्षमता पर सीधा असर पड़ेगा। मंत्री ने कहा कि यात्रियों को लगातार हो रही असुविधा को देखते हुए यह कार्रवाई जरूरी थी।
विशेषज्ञों का कहना है कि इंडस्ट्री में स्लॉट्स कम होना किसी भी एयरलाइन के लिए बड़ा झटका होता है। इससे न केवल कंपनी की उड़ान आवृत्ति घटती है, बल्कि उसकी आय और मार्केट प्रेज़ेंस पर भी असर पड़ता है। IndiGo के लिए यह फैसला आने वाले महीनों में चुनौतियां बढ़ा सकता है।
हालांकि IndiGo की ओर से आधिकारिक प्रतिक्रिया का इंतजार है, लेकिन यह साफ है कि एयरलाइन को अब अपने संचालन में सुधार लाने होंगे। यात्रियों की शिकायतों और लगातार कैंसिलेशन की वजह से भरोसा डगमगाया है। DGCA और सरकार की सख्ती से संकेत मिलता है कि आगे भी नियमों का पालन न करने पर और कड़े कदम उठाए जा सकते हैं।
यात्रियों को सलाह दी जा रही है कि वे अपनी यात्रा से पहले फ्लाइट स्टेटस जरूर चेक करें, क्योंकि शेड्यूल में कटौती के बाद कई पूर्व निर्धारित उड़ानों पर असर पड़ सकता है। कुल मिलाकर, IndiGo की यह स्थिति भारतीय एविएशन सेक्टर में ऑपरेशनल अनुशासन की अहमियत को एक बार फिर सामने लाती है।

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