दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा शुरू किया गया संचार साथी ऐप आम लोगों के लिए एक बेहद कारगर डिजिटल प्लेटफॉर्म बनकर उभरा है। DoT की ओर से साझा की गई ताजा जानकारी के अनुसार, यह ऐप हर मिनट औसतन 6 मोबाइल फोन को ब्लॉक कर रहा है, जबकि हर दो मिनट में 3 खोए या चोरी हुए मोबाइल फोन को ट्रेस करने में सफलता मिल रही है। ये आंकड़े दिखाते हैं कि संचार साथी देश में मोबाइल सुरक्षा और साइबर फ्रॉड रोकने में अहम भूमिका निभा रहा है।
क्या है संचार साथी ऐप?
संचार साथी एक सरकारी डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जिसे मोबाइल यूजर्स की सुरक्षा के लिए लॉन्च किया गया है। इस ऐप की मदद से यूजर्स अपने खोए या चोरी हुए मोबाइल फोन को ब्लॉक कर सकते हैं, उन्हें ट्रेस कर सकते हैं और जरूरत पड़ने पर दोबारा अनब्लॉक भी कर सकते हैं। इसके अलावा, यह ऐप फर्जी या अनधिकृत मोबाइल कनेक्शन की पहचान और रिपोर्ट करने की सुविधा भी देता है।
हर मिनट 6 मोबाइल हो रहे ब्लॉक
DoT के मुताबिक, संचार साथी ऐप के जरिए हर मिनट करीब 6 मोबाइल फोन को ब्लॉक किया जा रहा है। इसका सीधा फायदा यह है कि चोरी या गुम हुए फोन का गलत इस्तेमाल रोका जा सकता है। फोन ब्लॉक होने से न सिर्फ डिवाइस बेकार हो जाता है, बल्कि उससे जुड़े बैंकिंग, UPI और अन्य डिजिटल सेवाएं भी सुरक्षित रहती हैं।
खोए फोन की तलाश में भी कारगर
संचार साथी सिर्फ फोन ब्लॉक करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह खोए हुए मोबाइल को ढूंढ़ने में भी काफी मददगार साबित हो रहा है। DoT के आंकड़ों के अनुसार, हर दो मिनट में औसतन 3 खोए हुए मोबाइल फोन को ट्रेस किया जा रहा है। इससे लाखों यूजर्स को राहत मिली है, जो फोन खोने के बाद उम्मीद छोड़ देते थे।
साइबर फ्रॉड पर लगाम
DoT का कहना है कि संचार साथी ऐप साइबर फ्रॉड और फर्जी सिम कार्ड के मामलों को कम करने में भी प्रभावी साबित हो रहा है। यूजर्स इस प्लेटफॉर्म पर यह भी जांच सकते हैं कि उनके नाम पर कितने मोबाइल कनेक्शन चल रहे हैं। अगर कोई संदिग्ध या अनजान नंबर मिलता है, तो उसकी शिकायत सीधे ऐप के जरिए की जा सकती है।
आम लोगों के लिए क्यों जरूरी है यह ऐप?
आज के समय में मोबाइल फोन सिर्फ कॉल या मैसेज का जरिया नहीं, बल्कि बैंकिंग, पहचान और निजी डेटा का अहम हिस्सा बन चुका है। ऐसे में फोन का खो जाना या चोरी हो जाना बड़ी परेशानी बन सकता है। संचार साथी ऐप इस समस्या का आसान और भरोसेमंद समाधान देता है, जिससे आम लोग बिना ज्यादा तकनीकी जानकारी के भी अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।
DoT की अपील
दूरसंचार विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे संचार साथी ऐप का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें और मोबाइल सुरक्षा को लेकर सतर्क रहें। DoT का मानना है कि डिजिटल जागरूकता बढ़ने से न सिर्फ मोबाइल चोरी, बल्कि साइबर अपराधों पर भी प्रभावी रोक लगाई जा सकती है।
कुल मिलाकर, संचार साथी ऐप डिजिटल इंडिया पहल के तहत एक मजबूत कदम साबित हो रहा है, जो आम लोगों को सुरक्षित, सशक्त और आत्मनिर्भर बना रहा है।
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