कार्तिक शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर आज सोमवार, 3 नवंबर 2025 को पवित्र सोम प्रदोष व्रत किया जा रहा है। यह व्रत भगवान शिव को समर्पित है और मान्यता है कि इस दिन प्रदोष काल में भोलेनाथ की आराधना करने से साधकों को मनचाहा फल मिलता है। साथ ही, जीवन में सुख-समृद्धि और आरोग्य की प्राप्ति होती है।
आज का दिन क्यों है खास?
सोमवार और त्रयोदशी का संयोग शिव भक्तों के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। ज्योतिष के अनुसार आज के दिन 3 शुभ योग बन रहे हैं, जिससे पूजा का महत्व और बढ़ जाता है—
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अमृत योग
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सिद्धि योग
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शुभ करण
इन पावन योगों में भगवान शिव की पूजा शीघ्र फलदायी होती है।
सोम प्रदोष व्रत पूजा का उत्तम मुहूर्त
| विवरण | समय |
|---|---|
| त्रयोदशी तिथि आरंभ | 3 नवंबर को सुबह से |
| प्रदोष काल पूजा मुहूर्त | शाम 05:30 से 08:00 बजे के बीच |
| तिथि समाप्त | रात देर तक |
प्रदोष काल सूर्यास्त के बाद शुरू होता है और शिव आराधना का यह समय सबसे फलदायी माना गया है।
पूजा विधि
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सुबह स्नान कर स्वच्छ व्रत-नियमों के अनुसार संकल्प लें
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शाम को स्नान कर शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, अक्षत और धतूरा चढ़ाएं
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दीप प्रज्वलित कर “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जप करें
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प्रदोष कथा सुनें या पढ़ें
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व्रत का पारण अगले दिन विधिपूर्वक करें
व्रत से मिलने वाले लाभ
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मनोकामनाओं की पूर्ति
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आर्थिक और पारिवारिक सुख-समृद्धि
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स्वास्थ्य बेहतर होता है
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नकारात्मक ऊर्जा और बाधाओं का नाश
भोलेनाथ का वरदानी दिन
पौराणिक मान्यता है कि आज के दिन भगवान शिव अपने भक्तों की सभी बाधाओं को दूर कर देते हैं और उनके जीवन में खुशियों का मार्ग प्रशस्त करते हैं। इसलिए आज प्रदोष व्रत बड़े ही श्रद्धा से करें और महादेव की कृपा प्राप्त करें।
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