Kartik Purnima 2025 Daan: कार्तिक पूर्णिमा के ये 5 दान, दिलाएंगे अनंत पुण्यफल

हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष और अत्यंत पवित्र महत्व बताया गया है। यह दिन धर्म, दान, स्नान, तप और पूजा सभी का पुण्य एक साथ प्रदान करने वाला माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन किया गया दान अनंत गुना फल देता है और व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है। वर्ष 2025 में कार्तिक पूर्णिमा 5 नवंबर को मनाई जा रही है। इस पावन अवसर पर गंगा स्नान, व्रत और भगवान विष्णु सहित भगवान शिव की आराधना करने से सभी पाप कटते हैं और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है।

शास्त्रों में कहा गया है—
‘दानं तीर्थं जपो होमः पुण्यं चात्राधिकं भवेत्’
अर्थात कार्तिक पूर्णिमा पर किया हर शुभ कार्य अत्यधिक पुण्य प्रदान करता है।

इस खास दिन पर कुछ विशेष वस्तुओं का दान बेहद शुभ माना जाता है। आइए जानें वे पांच दान कौन-से हैं जो अनंत पुण्य प्रदान करते हैं:


 कार्तिक पूर्णिमा के 5 शुभ दान

 दीपदान

इस दिन दीपदान को सर्वोच्च दान कहा गया है। खासकर गंगा या किसी पवित्र नदी के तट पर दीप जलाकर प्रवाहित करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और दिव्य सुख का आगमन होता है। दीपदान से भगवान विष्णु और भगवान शिव दोनों प्रसन्न होते हैं।

 तिल और तेल का दान

काला तिल और सरसों के तेल का दान करने से पितृ दोष शांत होता है और व्यक्ति की जन्मों की बाधाएं समाप्त होती हैं। धार्मिक मान्यता है कि इससे पापों से मुक्ति मिलती है।

 वस्त्र दान

गरीबों, जरूरतमंदों या ब्राह्मणों को कंबल, धोती या साड़ी दान करने से लक्ष्मी कृपा प्राप्त होती है। यह दान ठंड से बचाव का साधन भी बनता है, इसलिए इसे मानवीय दृष्टि से भी अत्यंत पवित्र माना जाता है।

 भोजन एवं अन्न दान

इस दिन अन्न, गुड़, चावल, दाल और फल का दान करने से अक्षय फल मिलता है। ऐसा कहा जाता है कि अन्न दान करने वाला कभी आर्थिक संकट का सामना नहीं करता और घर में भोजन की कमी नहीं होती।

 स्वर्ण या धातु दान

अगर संभव हो तो सोना, चांदी या तांबा जैसी धातुओं का दान अत्यंत श्रेष्ठ है। यह दान व्यक्ति की कुंडली में ग्रह संबंधी दोषों को कम करता है और भाग्य उन्नति के योग बनाता है।

 निष्कर्ष

कार्तिक पूर्णिमा आध्यात्मिक उन्नति और पुण्य संचय का सुनहरा अवसर है। इस दिन श्रद्धा और सामर्थ्य अनुसार दान करने से जीवन में सकारात्मकता बढ़ती है और ईश्वर का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसलिए आज के दिन दान और पूजा का संकल्प अवश्य लें और इस पवित्र पूर्णिमा को अपने लिए शुभ बनाएं।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ