भारत और अमेरिका ने रक्षा क्षेत्र में अपने संबंधों को नई ऊँचाइयों पर पहुंचाते हुए एक ऐतिहासिक समझौते पर सहमति बना ली है। दोनों देशों के बीच 10 साल के व्यापक रक्षा सहयोग ढांचे को मंजूरी दे दी गई है। इस समझौते का उद्देश्य दोनों देशों की सैन्य क्षमताओं को मजबूत करना, रक्षा तकनीक के साझा विकास को बढ़ावा देना और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सामरिक साझेदारी को और सुदृढ़ करना है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ के बीच हुई वार्ता को द्विपक्षीय संबंधों के लिए बड़ा कदम माना जा रहा है। इसके तहत इंटेलिजेंस शेयरिंग, संयुक्त सैन्य अभ्यास, उन्नत रक्षा तकनीक, ड्रोन और समुद्री सुरक्षा सहयोग जैसे क्षेत्रों पर विशेष फोकस रहेगा।
संबंधों में उतार-चढ़ाव के बाद दोबारा नई शुरुआत
इससे पहले अगस्त 2025 में राजनाथ सिंह की वाशिंगटन यात्रा तय थी, लेकिन स्थिति अचानक बिगड़ गई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय आयात पर टैरिफ अचानक दोगुना कर 50% कर दिया गया था, जिसके बाद दोनों देशों के संबंध दशकों के सबसे निचले स्तर पर पहुँच गए थे।
राजनाथ सिंह की यात्रा को रद्द करना पड़ा और कई कूटनीतिक वार्ताएँ भी ठंडे बस्ते में चली गईं। लेकिन उच्च स्तरीय कूटनीतिक प्रयासों और सामरिक हितों की मजबूती ने इस गतिरोध को धीरे-धीरे कम किया। अब इस नए रक्षा समझौते ने दर्शाया है कि दोनों देश फिर से सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
समझौते से क्या होगा फायदा?
भारत को उन्नत अमेरिकी हथियारों और तकनीकों तक पहुंच मिलेगी
रक्षा उत्पादन में संयुक्त निवेश बढ़ेगा
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा साझेदारी मजबूत होगी
आतंकवाद व साइबर हमलों से निपटने में सहयोग बढ़ेगा
Make in India के तहत कई रक्षा परियोजनाओं को गति मिलेगी
विशेषज्ञों की राय
रक्षा विश्लेषकों का मानना है कि यह समझौता न केवल अमेरिका-भारत की सामरिक साझेदारी को नया ढांचा देगा, बल्कि चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण साबित होगा।
अमेरिकी पक्ष ने भी कहा है कि भारत के साथ रक्षा सहयोग अमेरिकी विदेश नीति का प्रमुख स्तंभ है और दोनों देश लोकतांत्रिक मूल्यों व वैश्विक स्थिरता के लिए साथ मिलकर काम करते रहेंगे।
यह रक्षा समझौता भविष्य के सहयोग और भरोसे की मजबूत नींव माना जा रहा है। आने वाले वर्षों में इसका सकारात्मक प्रभाव सुरक्षा, तकनीक और वैश्विक रणनीतिक संतुलन में स्पष्ट रूप से देखा जा सकेगा।
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