आज की भागदौड़ भरी जीवनशैली, अनियमित खानपान, तनाव और प्रदूषण ने युवा उम्र में हार्ट अटैक के मामलों को तेजी से बढ़ा दिया है। 30-40 साल के लोगों में भी अचानक दिल का दौरा पड़ने के मामले अब आम हो चुके हैं। ऐसे में कई लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि क्या वो भी दिल की बीमारी के खतरे में हैं?
विशेषज्ञों के अनुसार, समय पर कुछ जरूरी ब्लड टेस्ट करवाकर हार्ट अटैक का जोखिम पहले से ही पहचाना जा सकता है। यदि रिपोर्ट में गड़बड़ी मिले तो डॉक्टर तुरंत इलाज, लाइफस्टाइल सुधार और दवाइयों से खतरे को काफी हद तक कम कर सकते हैं।
लिपिड प्रोफाइल टेस्ट
यह टेस्ट शरीर में अच्छे (HDL) और खराब (LDL) कोलेस्ट्रॉल एवं ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर बताता है।
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LDL अधिक होने पर धमनियों में ब्लॉकेज बढ़ने का खतरा
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HDL कम होने पर दिल को सुरक्षा कम मिलती है
Hs-CRP (High-Sensitivity C-Reactive Protein)
यह ब्लड टेस्ट शरीर में सूजन और धमनियों की दीवारों में इंफ्लेमेशन का संकेत देता है।
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Hs-CRP बढ़ने से दिल के दौरे का जोखिम ज्यादा
HbA1c (औसत शुगर स्तर का टेस्ट)
पिछले 3 महीनों की ब्लड शुगर का औसत बताता है।
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डायबिटीज दिल की बीमारी का बड़ा कारण
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शुगर नियंत्रण ठीक हो तो हार्ट रिस्क भी कम
Lipoprotein(a) – Lp(a) टेस्ट
आनुवांशिक कारणों से दिल में ब्लॉकेज की संभावना का आकलन करता है।
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जिनके परिवार में हार्ट अटैक का इतिहास है, उनके लिए बेहद महत्वपूर्ण
Troponin Test
हृदय की मांसपेशियों में मामूली चोट का भी पता चलता है
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यदि ट्रोपोनिन लेवल बढ़ा है, तो दिल को खतरे का संकेत
किन लोगों को करवाना चाहिए ये टेस्ट?
| श्रेणी | जोखिम |
|---|---|
| परिवार में हार्ट अटैक का इतिहास | ज्यादा |
| तनाव भरी नौकरी और अनियमित रूटीन | ज्यादा |
| धूम्रपान/अल्कोहल | ज्यादा |
| मोटापा, हाई बीपी, डायबिटीज | बहुत ज्यादा |
डॉक्टरों की सलाह
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30 साल के बाद हर व्यक्ति को साल में एक बार ये चेकअप करवाना चाहिए
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हाई रिस्क वाले लोग 6 महीने में एक बार टेस्ट कराएं
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लाइफस्टाइल, डाइट और एक्सरसाइज से हार्ट को सुरक्षित रखें
दिल की सुरक्षा अपने हाथ में है। समय पर जांच करवाएं और हर धड़कन को सलामत रखें। ❤️
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