दिल्ली-NCR में बढ़ते प्रदूषण स्तर को देखते हुए सरकार ने GRAP-III (Graded Response Action Plan) लागू कर दिया है। हवा की गुणवत्ता अत्यंत खराब श्रेणी में पहुंचने के बाद यह फैसला लिया गया, जिसके तहत राजधानी में कई तरह के वाहनों पर सख्त प्रतिबंध लागू हो गए हैं। सबसे बड़ा प्रतिबंध BS-IV डीजल और BS-III पेट्रोल वाहनों की एंट्री पर लगाया गया है, जिन्हें अब दिल्ली में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
GRAP-III लागू होने के बाद दिल्ली में ट्रैफिक नियम और कड़े हो गए हैं। इसका उद्देश्य हवा में मौजूद प्रदूषक तत्वों को कम करना और AQI को नियंत्रित करना है। माना जाता है कि सर्दियों में तापमान में गिरावट और हवा की गति धीमी होने से प्रदूषण तेजी से जमा होता है, ऐसे में डीजल और पुरानी पेट्रोल गाड़ियां प्रदूषण बढ़ाने में अधिक योगदान देती हैं। इसलिए GRAP-III के तहत तुरंत प्रभाव से इन पर रोक लगा दी गई है।
किस-किस वाहन पर लगा प्रतिबंध?
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BS-IV डीजल गाड़ियां (प्राइवेट और कॉमर्शियल दोनों)
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BS-III पेट्रोल गाड़ियां
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दिल्ली में पंजीकृत पुरानी कमर्शियल गाड़ियों की आवाजाही पर भी सख्त निगरानी
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NCR से दिल्ली में एंट्री करने वाले पुराने वाहनों पर विशेष जांच
इन वाहनों को शहर में प्रवेश करते पाया गया तो चालान और कानूनी कार्रवाई का भी प्रावधान है।
किसे मिलेगी छूट?
कुछ जरूरी सेवाओं और श्रेणियों को GRAP-III में छूट दी गई है, जैसे—
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एम्बुलेंस
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अग्निशमन वाहन
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पुलिस और सरकारी आपातकालीन वाहन
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मेडिकल सप्लाई और आवश्यक वस्तुओं का परिवहन
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स्कूल बसों पर भी कई मामलों में विशेष अनुमति
ये वाहन प्रदूषण नियंत्रण नियम के दायरे में रहते हुए अपनी सेवा जारी रख सकेंगे।
GRAP-III लागू होने के अन्य कदम
वाहनों से जुड़े प्रतिबंधों के अलावा GRAP-III के तहत ये कदम भी उठाए जाते हैं—
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निर्माण कार्यों पर आंशिक या पूर्ण रोक
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सड़कों पर पानी का छिड़काव और एंटी-स्मॉग गन का उपयोग
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औद्योगिक इकाइयों पर अतिरिक्त निगरानी
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कचरा जलाने पर सख्त कार्रवाई
क्यों जरूरी होता है GRAP-III?
दिल्ली हर साल सर्दियों में खतरनाक स्तर के प्रदूषण का सामना करती है। विशेषज्ञों के अनुसार, वाहन धुआं, निर्माण गतिविधियां और पराली का धुआं हवा को बेहद जहरीला बना देता है। ऐसे में GRAP-III जैसे नियम हवा में PM2.5 और PM10 की मात्रा को कम करने के लिए आवश्यक माने जाते हैं।
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