वैश्विक स्तर पर कैंसर के मामलों में पुरुषों में फेफड़ों और महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के सबसे अधिक केस सामने आते रहे हैं। अकेले साल 2022 में ब्रेस्ट कैंसर से लगभग 6.7 लाख महिलाओं की जान गई, जो एक बेहद गंभीर आंकड़ा है।
हाल के वर्षों में यह बीमारी अब कम उम्र की महिलाओं में भी देखी जाने लगी है। विशेषज्ञों के अनुसार इसके पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं —
बदलती जीवनशैली
देर से शादी व मातृत्व
तनाव
मोटापा और शारीरिक गतिविधि में कमी
हार्मोनल परिवर्तन
क्या कहता है नया शोध?
स्वीडन में वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक बड़े शोध में 20 लाख से ज्यादा महिलाओं के स्वास्थ्य रिकॉर्ड का विश्लेषण किया गया। अध्ययन में देखा गया कि लंबे समय तक हार्मोनल गर्भनिरोधक (जैसे बर्थ कंट्रोल पिल्स) का सेवन करने वाली महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम थोड़ा बढ़ सकता है।
हालांकि—
🔹 यह जोखिम आमतौर पर बहुत कम होता है
🔹 और गोलियों का इस्तेमाल बंद करने के बाद कुछ सालों में यह जोखिम फिर से सामान्य हो जाता है
विशेषज्ञ बताते हैं कि गर्भनिरोधक दवाओं के फायदे भी हैं—
✔ पीरियड को नियमित करना
✔ एंडोमेट्रियोसिस जैसे रोगों में राहत
✔ ओवरी और एंडोमेट्रियल कैंसर के जोखिम में कमी
इसलिए डॉक्टर बिना सलाह के किसी भी दवा को शुरू या बंद करने से मना करते हैं।
कैसे करें ब्रेस्ट कैंसर से बचाव?
हर महीने सेल्फ-ब्रेस्ट एग्ज़ाम
हेल्दी डाइट, वजन नियंत्रित रखें
शराब व धूम्रपान से बचें
नियमित व्यायाम
फैमिली हिस्ट्री होने पर नियमित स्क्रीनिंग
.jpg)
0 टिप्पणियाँ