हाल के दिनों में महिलाओं और युवाओं में सिस्ट (गांठ या थैलीनुमा सूजन) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि यह समस्या शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है खासकर त्वचा, अंडाशय (ओवरी), किडनी या पीठ जैसे हिस्सों में। अधिकतर सिस्ट हानिरहित होते हैं, लेकिन कुछ मामलों में ये गंभीर बीमारियों का संकेत भी दे सकते हैं।
त्वचा रोग विशेषज्ञ बताते हैं, सिस्ट एक ऐसी थैली होती है जिसमें तरल या अर्ध-ठोस पदार्थ जमा हो जाता है। अक्सर यह हार्मोनल असंतुलन, संक्रमण, या तेल ग्रंथियों के बंद हो जाने से बनती है। उन्होंने कहा कि कई लोग इसे सामान्य सूजन समझकर अनदेखा कर देते हैं, जिससे बाद में जटिलताएँ बढ़ सकती हैं।
पहचान के लक्षणों में त्वचा पर उभरी मुलायम या सख्त गांठ, हल्का दर्द या खुजली, लालिमा, और कभी-कभी पस या तरल का रिसाव शामिल हैं। ओवरी सिस्ट के मामलों में पेट दर्द, अनियमित पीरियड्स और पेट फूलना जैसे लक्षण दिख सकते हैं।
बचाव के उपायों में स्वच्छता बनाए रखना, हार्मोन संतुलित रखने के लिए संतुलित आहार लेना, और शरीर में किसी भी असामान्य गांठ को नज़रअंदाज़ न करना शामिल है। डॉक्टर सलाह देते हैं कि ऐसे किसी भी लक्षण पर तुरंत विशेषज्ञ से परामर्श लें और स्वयं दवा या निचोड़ने जैसे घरेलू प्रयोग न करें।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि समय पर जांच और सही उपचार से अधिकांश सिस्ट आसानी से ठीक हो सकते हैं। जागरूकता ही सबसे बड़ी सुरक्षा है।
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