भारतीय महिला क्रिकेट टीम के लिए हालिया वर्ल्ड कप फाइनल सिर्फ एक मैच नहीं था, बल्कि पूरे देश की उम्मीदों का बड़ा मंच था। इस अहम मुकाबले से पहले टीम की खिलाड़ी अमनजोत कौर पूरी तरह खेल में ध्यान लगाए हुए थीं। लेकिन उसी दौरान उनके घर में एक ऐसी घटना घटी, जिसे परिवार ने उनसे छुपाना ही बेहतर समझा। अमनजोत की 75 वर्षीय दादी भगवंती कौर को अचानक दिल का दौरा पड़ा और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। बावजूद इसके, पिता भूपिंदर सिंह ने यह खबर अपनी बेटी तक पहुंचने नहीं दी। वजह थी—वर्ल्ड कप का दबाव और उसकी जिम्मेदारी।
अमनजोत का परिवार मोहाली में रहता है और हमेशा से ही बेटी के क्रिकेट करियर का मजबूत स्तंभ बना रहा है। भूपिंदर सिंह खुद पेशे से एक छोटा-सा बिजनेस करते हैं, लेकिन आर्थिक चुनौतियों के बावजूद उन्होंने बेटी के सपनों पर कभी रोक नहीं लगाई। वह जानते थे कि फाइनल के ठीक पहले यह खबर बेटी की मानसिक स्थिति को हिला सकती है और उसके खेल पर प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए, उन्होंने लगातार अस्पताल आते-जाते हुए भी यह जताया कि सब कुछ सामान्य है। परिवार ने एकजुट होकर इस सच को अपने तक ही सीमित रखने का फैसला किया।
जब अमनजोत मैदान में देश का तिरंगा ऊंचा उठाने के लिए पूरी ताकत लगा रही थीं, उसी वक्त अस्पताल में उनकी दादी जिंदगी की लड़ाई लड़ रही थीं। परिवार की यही दुआ थी कि बेटी जीतकर लौटे और फिर आराम से दादी से मिल सके। यह कहानी सिर्फ अमनजोत के खेल समर्पण की नहीं, बल्कि उस परिवार की भी है, जिसने अपने भावनात्मक दर्द को देश के सम्मान के लिए दबा दिया।
अमनजोत बचपन से ही क्रिकेट की शौकीन रही हैं। घर की छत और गली के मैदानों में खेलते-खेलते उन्होंने देश की जर्सी पहन ली। फाइनल जैसे बड़े मुकाबले में खेलना किसी भी खिलाड़ी का सपना होता है, और अमनजोत के इस सपने को पूरा होते देख परिवार की खुशियों की कोई सीमा नहीं रही। हालांकि, अस्पताल में भर्ती दादी की चिंता मन में जरूर थी, लेकिन जीत की खुशी ने सबका हौसला बढ़ाया।
वर्ल्ड कप के इस सुनहरे पल ने अमनजोत और उनके परिवार की त्याग, साहस और भावनाओं की कहानी को नई पहचान दी है। यह साबित करता है कि खिलाड़ी अकेले नहीं खेलते—पूरा परिवार उनके साथ मैदान में लड़ता है। अमनजोत की सफलता में उनके सपनों और परिवार के धैर्य का बड़ा योगदान है।
आज देश गर्व से कह सकता है कि भारतीय महिला क्रिकेट का भविष्य सुरक्षित हाथों में है—और इनमें से एक नाम है अमनजोत कौर।
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