धरती का घूमना, दिन का बदलना क्या है रहस्य सुबह और शाम का

क्या आपने कभी सोचा है कि हर दिन सूरज उगता क्यों है और ढलता क्यों है? आखिर ऐसा क्या होता है कि सुबह की लालिमा शाम की सुनहरी किरणों में बदल जाती है? इसका जवाब हमारे अपने ग्रह धरती की घूर्णन गति (Rotation) में छिपा है।

धरती का रहस्य घूर्णन गति का कमाल
धरती अपने अक्ष (Axis) पर लगातार घूमती रहती है। इसे एक चक्कर पूरा करने में लगभग 24 घंटे लगते हैं। जब धरती का एक हिस्सा सूरज की तरफ होता है, वहाँ दिन होता है; और जब वही हिस्सा सूरज से दूर चला जाता है, वहाँ रात।
इस घूमने की प्रक्रिया के बीच ही सुबह और शाम के खूबसूरत दृश्य बनते हैं।

कैसे बनती है सुबह और शाम की लाली?
वैज्ञानिक बताते हैं कि जब सूरज क्षितिज के पास होता है, उसकी किरणें धरती के वायुमंडल से होकर लंबा रास्ता तय करती हैं। इस दौरान नीली और बैंगनी रोशनी बिखर जाती है और हमारे पास बचती है लाल और नारंगी रोशनी, जो सुबह और शाम के आसमान को रंग देती है।
इसी वजह से सूर्योदय और सूर्यास्त दोनों समय आसमान सुनहरा और लाल दिखता है।

खगोलशास्त्री का कहना है
भारतीय खगोल केंद्र के वैज्ञानिक बताते हैं धरती का घूमना जीवन का तालमेल तय करता है। अगर धरती नहीं घूमती, तो एक तरफ हमेशा दिन और दूसरी तरफ हमेशा रात रहती  और जीवन का संतुलन असंभव होता।”

लोगों की प्रतिक्रिया:
दिल्ली के एक स्कूल के छात्र ने बताया  कि जब हमें पता चला कि धरती घूमने से दिन-रात बनते हैं, तो लगा जैसे हम सब एक अदृश्य झूले पर हैं, जो बिना रुके घूम रहा है।

सुबह और शाम सिर्फ समय का बदलाव नहीं, बल्कि ब्रह्मांड की सबसे सुंदर घटनाओं में से एक हैं।
धरती का घूमना, सूरज की रोशनी का बिखरना यही मिलकर हमारी दिनचर्या को रंगीन बनाते हैं।

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