अयोध्या में आगामी 25 नवंबर को आयोजित होने वाले ध्वजारोहण समारोह को लेकर सुरक्षा और व्यवस्थाएँ तेज़ी से अंतिम रूप ली जा रही हैं। यह कार्यक्रम धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है, इसलिए किसी भी प्रकार की चूक से बचने के लिए प्रशासन और खुफिया एजेंसियां पहले से ही सक्रिय हो चुकी हैं। शहर में सुरक्षा व्यवस्था इस कदर मजबूत कर दी गई है कि कार्यक्रम से पहले पूरे तीन सप्ताह यानी 22 दिन पहले ही विशेषज्ञ टीमें अयोध्या पहुँच चुकी हैं।
सूत्रों के अनुसार, सुरक्षा एजेंसियां स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय में संभावित खतरों का विश्लेषण कर रही हैं। शहर के प्रमुख मार्गों, प्रवेश स्थानों और कार्यक्रम स्थल पर विशेष निगरानी सिस्टम लगाए गए हैं। ड्रोन और हाई-टेक कैमरों की मदद से रियल-टाइम मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जा रही है। साथ ही, संवेदनशील इलाकों में खुफिया ब्यूरो की टीम लगातार सूचनाएँ एकत्र कर रही है ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तत्काल कार्रवाई की जा सके।
अयोध्या में इस आयोजन के लिए भीड़ नियंत्रण योजना पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। क्योंकि बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं और आम नागरिकों के उपस्थित होने की उम्मीद है, इसलिए ट्रैफिक मैनेजमेंट, पार्किंग और एंट्री-एक्ज़िट पॉइंट्स पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया जा रहा है। राज्य पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों के बीच समन्वय की रणनीति हर दिन समीक्षा की जा रही है।
इसके अलावा, चिकित्सा आपातकाल को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग की विशेष टीमों को भी निर्देश दिए गए हैं। कार्यक्रम स्थल के आसपास अस्थायी स्वास्थ्य शिविर और एम्बुलेंस तैनात किए जाएंगे ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत मदद मिल सके।
अयोध्या प्रशासन ने स्थानीय नागरिकों और दुकानदारों से भी सहयोग की अपील की है। उन्हें भीड़ नियंत्रण, स्वच्छता और व्यवस्था बनाए रखने में मदद करने के लिए जागरूक किया जा रहा है। शहर की सड़कों से लेकर मुख्य आयोज स्थल तक स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है, जिससे कार्यक्रम की गरिमा और सुरक्षा दोनों सुनिश्चित की जा सके।
सुरक्षा एजेंसियां लगातार संभावित चुनौतियों पर नज़र रख रही हैं, खासकर ऐसे समय में जब धार्मिक कार्यक्रमों में किसी भी तरह की सुरक्षा चूक गंभीर परिणाम ला सकती है। यही कारण है कि इस बार न केवल शारीरिक सुरक्षा बल्कि साइबर निगरानी पर भी बराबर ध्यान दिया जा रहा है।
स्पष्ट है कि ध्वजारोहण समारोह केवल एक सरकारी कार्यक्रम नहीं बल्कि राष्ट्रीय गौरव और सामाजिक भावना से जुड़ा आयोजन है। इसलिए अयोध्या इसे लेकर पूरी सतर्कता और समर्पण के साथ तैयार हो रहा है ताकि 25 नवंबर का दिन सफल, सुरक्षित और ऐतिहासिक बन सके।
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