भारत सरकार ने एक ऐतिहासिक डिजिटल कदम उठाते हुए लगभग 12 लाख सरकारी कर्मचारियों के ईमेल सिस्टम में बड़ा बदलाव किया है। अब तक यह सेवा नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) द्वारा संभाली जाती थी, लेकिन अब इसकी जिम्मेदारी भारतीय टेक कंपनी Zoho को सौंप दी गई है।
तमिलनाडु स्थित Zoho Corporation को यह जिम्मेदारी सात साल के कॉन्ट्रैक्ट के तहत दी गई है। इस अनुबंध के अनुसार, कंपनी केंद्रीय और राज्य सरकारी विभागों के लिए सुरक्षित, स्केलेबल और स्वदेशी ईमेल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान करेगी। यह कदम भारत के “डिजिटल आत्मनिर्भरता मिशन” की दिशा में एक बड़ा परिवर्तन माना जा रहा है।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य डेटा सुरक्षा, गोपनीयता और विश्वसनीयता को और मजबूत बनाना है। Zoho का ईमेल सिस्टम भारत में ही होस्ट किया जाएगा, जिससे संवेदनशील सरकारी डेटा देश की सीमाओं के भीतर ही सुरक्षित रहेगा।
Zoho के संस्थापक और CEO श्रीधर वेम्बू ने इस अवसर पर कहा, “यह भारत के लिए एक गर्व का क्षण है। हम सरकार के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन में साझेदार बनकर सम्मानित महसूस कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य है कि सरकारी ईमेल सेवाओं को और सुरक्षित, तेज़ और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाया जाए।”
सूत्रों के मुताबिक, Zoho Mail प्लेटफॉर्म पर पूरी तरह से संक्रमण (migration) अगले कुछ महीनों में पूरा हो जाएगा। इसमें केंद्र सरकार के अलावा कई राज्य सरकारों और सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारी भी शामिल होंगे।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह फैसला न सिर्फ भारत में “मेक इन इंडिया” सॉफ्टवेयर समाधान को बढ़ावा देगा, बल्कि विदेशी टेक कंपनियों पर निर्भरता भी कम करेगा। साथ ही, यह कदम साइबर सुरक्षा के लिहाज से भी एक महत्वपूर्ण पहल है।
कुल मिलाकर, सरकार का यह निर्णय भारत की तकनीकी क्षमता और स्वदेशी नवाचार पर भरोसे को दर्शाता है। Zoho Mail के आने से अब सरकारी संचार तंत्र और भी सुरक्षित, स्वदेशी और आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ चुका है
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