विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत में निर्मित तीन प्रतिबंधित कफ सिरप को लेकर गंभीर स्वास्थ्य चेतावनी जारी की है। संगठन ने कहा है कि ये सिरप जहरीले तत्वों से युक्त पाए गए हैं और इनके सेवन से बच्चों की जान को खतरा हो सकता है। डब्ल्यूएचओ ने सभी देशों और भारत के स्वास्थ्य अधिकारियों से अपील की है कि अगर ये सिरप बाजार में मिलें, तो तुरंत इसकी सूचना एजेंसी को दें।
चेतावनी में शामिल सिरपों में “कोल्ड्रिफ कफ सिरप” का नाम विशेष रूप से उल्लेखित किया गया है। यह वही सिरप है जिसे लेने के बाद मध्य प्रदेश और राजस्थान में कुछ बच्चों की मौत के कथित मामले सामने आए थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस सिरप में डाइएथिलीन ग्लाइकोल (DEG) और एथिलीन ग्लाइकोल (EG) जैसे जहरीले रसायन पाए गए हैं, जो मानव शरीर के लिए अत्यंत हानिकारक होते हैं।
डब्ल्यूएचओ ने अपने बयान में कहा कि इन सिरपों के सेवन से किडनी फेल्योर, न्यूरोलॉजिकल डैमेज और गंभीर स्वास्थ्य जटिलताएं हो सकती हैं, खासकर बच्चों में। संगठन ने यह भी स्पष्ट किया कि इस मामले की जांच जारी है और भारत के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) को इसकी विस्तृत रिपोर्ट सौंपी गई है।
भारत सरकार ने भी इस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए संदिग्ध कफ सिरप के नमूने लैब में जांच के लिए भेज दिए हैं। साथ ही, इन दवाओं के उत्पादन और वितरण से जुड़ी फार्मा कंपनियों की जांच शुरू कर दी गई है।
यह पहला मौका नहीं है जब भारतीय निर्मित सिरपों पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सवाल उठे हैं। इससे पहले गाम्बिया, उज्बेकिस्तान और कैमरून में भी भारतीय दवाओं को लेकर विवाद हो चुका है। इन घटनाओं के बाद भारत सरकार ने औषधि गुणवत्ता निगरानी और निर्यात प्रक्रियाओं को सख्त करने के निर्देश दिए थे।
WHO ने एक बार फिर दोहराया है कि देशों को अपने-अपने बाजारों से इन संदिग्ध सिरपों को तुरंत हटाना चाहिए और लोगों को बिना चिकित्सकीय परामर्श के कोई भी कफ सिरप देने से बचना चाहिए।
इस चेतावनी के बाद भारत में दवा नियामक एजेंसियां सतर्क हो गई हैं, और अब यह देखना होगा कि जांच के बाद इन उत्पादों पर क्या कार्रवाई होती है।
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