आजकल शहरी जीवनशैली, घरों में सीमित समय और डिजिटल कामकाज के चलते विटामिन D की कमी तेजी से बढ़ रही है। यह एक ऐसा पोषक तत्व है जो हमारी हड्डियों, मांसपेशियों और इम्यून सिस्टम के लिए बेहद जरूरी है। लेकिन सवाल यह है कि शरीर के लिए विटामिन D का सबसे अच्छा स्रोत क्या है — सूर्य की धूप या सप्लीमेंट (गोली/कैप्सूल)? इस पर हावर्ड यूनिवर्सिटी से प्रशिक्षित डॉक्टरों की राय काफी स्पष्ट है।
धूप: शरीर का प्राकृतिक स्रोत
हावर्ड हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, धूप विटामिन D का सबसे प्राकृतिक और प्रभावी स्रोत है। जब सूर्य की यूवी-बी (UV-B) किरणें त्वचा पर पड़ती हैं, तो शरीर स्वाभाविक रूप से विटामिन D का निर्माण करता है।
-
रोजाना 10 से 20 मिनट तक सुबह की धूप में रहना शरीर की दैनिक विटामिन D की जरूरत पूरी कर सकता है।
-
धूप से मिलने वाला विटामिन D अधिक बायोअवेलेबल होता है, यानी यह शरीर द्वारा बेहतर तरीके से अवशोषित किया जा सकता है।
-
हालांकि, जिन लोगों की त्वचा गहरी है, जो धूप में कम जाते हैं या प्रदूषण वाले शहरों में रहते हैं, उन्हें पर्याप्त विटामिन D नहीं मिल पाता।
सप्लीमेंट: कमी पूरी करने का विकल्प
अगर धूप से पर्याप्त विटामिन D नहीं मिल पा रहा है, तो डॉक्टर सप्लीमेंट (Vitamin D2 या D3) लेने की सलाह देते हैं।
-
Vitamin D3 (Cholecalciferol) को सबसे प्रभावी माना जाता है क्योंकि यह वही रूप है जो शरीर धूप से बनाता है।
-
सप्लीमेंट खासतौर पर उन लोगों के लिए ज़रूरी हैं जो बुजुर्ग, ऑफिस में लंबे समय तक काम करने वाले, या सर्दी के मौसम में रहते हैं जहाँ धूप सीमित होती है।
-
डॉक्टरों के मुताबिक, बिना जांच कर सप्लीमेंट लेना सही नहीं है। रक्त परीक्षण (25-Hydroxy Vitamin D Test) कराकर डॉक्टर से उचित डोज लेना चाहिए।
कौन बेहतर है?
हावर्ड प्रशिक्षित डॉक्टरों का कहना है कि धूप हमेशा पहला और प्राकृतिक स्रोत होना चाहिए। लेकिन अगर किसी को इसकी पर्याप्त मात्रा नहीं मिल रही या मेडिकल कारणों से धूप में नहीं जा सकता, तो सप्लीमेंट एक सुरक्षित और उपयोगी विकल्प है।
विशेषज्ञ की सलाह
-
रोजाना सुबह 8 से 10 बजे के बीच 15 मिनट धूप में रहें।
-
आहार में अंडे की जर्दी, फोर्टिफाइड दूध, फैटी फिश (सैल्मन, ट्यूना) और मशरूम शामिल करें।
-
जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट लें।
संक्षेप में, धूप विटामिन D का सबसे प्राकृतिक और लाभदायक स्रोत है, लेकिन जीवनशैली या पर्यावरणीय सीमाओं के चलते सप्लीमेंट लेना एक व्यावहारिक समाधान हो सकता है — बशर्ते यह डॉक्टर की देखरेख में हो।
.jpg)
0 टिप्पणियाँ