अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते
व्यापारिक तनाव के बीच एक बार फिर हालात बदलते नजर आ रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति
डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में चीनी राष्ट्रपति
शी जिनपिंग के साथ होने वाली बैठक को रद्द करने की बात कही थी, लेकिन अब उन्होंने अपने बयान से पलटते हुए यह स्पष्ट किया है कि उन्होंने बैठक को
आधिकारिक रूप से रद्द नहीं किया है।
ट्रंप ने अमेरिकी मीडिया से बातचीत में कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि “मैंने बैठक रद्द नहीं की है, बल्कि हम हालात का आकलन कर रहे हैं। अगर चीन अपने नए निर्यात प्रतिबंधों पर पुनर्विचार करता है, तो वार्ता जारी रह सकती है।” राष्ट्रपति ट्रंप ने चीन द्वारा लागू किए गए इन नए निर्यात नियमों को ‘चौंकाने वाला’ और ‘अप्रत्याशित कदम’ बताया।
हाल ही में चीन ने अमेरिका को कुछ महत्वपूर्ण सेमीकंडक्टर सामग्रियों और दुर्लभ खनिजों के निर्यात पर सीमाएं लगाने का निर्णय लिया था, जिससे दोनों देशों के बीच आर्थिक टकराव और गहराने की आशंका बढ़ गई है। यह कदम अमेरिकी कंपनियों के लिए झटका माना जा रहा है, क्योंकि वे इन सामग्रियों पर काफी हद तक निर्भर हैं।
ट्रंप ने कहा कि उनकी सरकार अमेरिकी हितों की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि अमेरिका बातचीत के लिए हमेशा तैयार है, लेकिन किसी भी समझौते की शर्तें देश के आर्थिक हितों के अनुरूप ही होंगी। उन्होंने चीन के कदम को “वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के लिए खतरा” बताया और कहा कि इससे विश्व बाजार में अस्थिरता बढ़ सकती है।
वहीं, व्हाइट हाउस के सूत्रों के अनुसार, अगर स्थिति स्थिर रहती है, तो ट्रंप और जिनपिंग की बैठक आगामी महीनों में संभव है। इस मुलाकात को अमेरिका-चीन संबंधों में नई दिशा देने वाला कदम माना जा सकता है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि ट्रंप का यह रुख आने वाले अमेरिकी चुनावों से भी जुड़ा हो सकता है, क्योंकि वे खुद को एक “मजबूत वार्ताकार” के रूप में पेश करना चाहते हैं। फिलहाल, दुनियाभर की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या दोनों देशों के बीच तनाव घटेगा या व्यापारिक जंग एक नए चरण में प्रवेश करेगी।
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