अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्यापार सलाहकार जैमीसन ग्रीर ने भारत की रूस से तेल खरीद को लेकर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि “भारत एक स्वतंत्र देश है और अपने फैसले खुद लेता है, अमेरिका उसे किसी तरह के निर्देश नहीं दे सकता।”
ग्रीर ने आगे कहा कि भारत और अमेरिका के बीच मजबूत आर्थिक संबंध हैं, और दोनों देशों के बीच व्यापार संतुलन पहले से ही भारत के पक्ष में है। उन्होंने बताया, “भारत एक ऐसा देश है, जिससे हम लगभग 40 अरब अमेरिकी डॉलर का सामान ज्यादा खरीदते हैं। यानी भारत का हमारे साथ पहले से ही एक शानदार व्यापारिक समझौता है। जितना हम उन्हें बेचते हैं, वे उससे कहीं ज्यादा हमें बेचते हैं। ऐसे में भारत का व्यवहारिक रुख समझ में आता है।”
उन्होंने यह भी कहा कि भारत की विदेश नीति हमेशा “भारत-प्रथम” (India First) के सिद्धांत पर आधारित रही है, और इस नीति के तहत देश अपने आर्थिक व रणनीतिक हितों के अनुसार फैसले लेता है। ग्रीर ने माना कि रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद बने हालात में भारत ने ऊर्जा सुरक्षा को प्राथमिकता दी है, जो कि एक व्यावहारिक और दूरदर्शी निर्णय है।
यह बयान ऐसे समय आया है जब पश्चिमी देशों ने रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर कई बार अप्रत्यक्ष दबाव बनाया है। हालांकि, भारत लगातार यह कहता आया है कि वह अपने राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखकर ही ऊर्जा से जुड़े निर्णय लेता है।
ग्रीर के इस बयान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की स्वतंत्र विदेश नीति की सराहना के रूप में देखा जा रहा है। यह स्पष्ट संदेश है कि भारत अब किसी भी दबाव में नहीं, बल्कि अपनी शर्तों और आवश्यकताओं के अनुसार वैश्विक मंच पर कदम बढ़ा रहा है।
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