UNTCC Conclave: “शांति स्थापना को बनाना है मजबूत और प्रभावी” – यूएनटीसीसी सम्मेलन में बोले सेना प्रमुख, भारत को बताया ‘सबका मित्र’


 नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र सैन्य योगदानकर्ता देशों (UNTCC) के प्रमुखों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए भारतीय थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि भारत विश्व शांति स्थापना में सबसे बड़े और भरोसेमंद योगदानकर्ताओं में से एक है। उन्होंने जोर देकर कहा कि वैश्विक स्तर पर शांति अभियानों को “मजबूत और अधिक प्रभावी” बनाना समय की मांग है।

जनरल द्विवेदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत हमेशा से “सबका मित्र, सबका सहयोगी” की भावना के साथ काम करता आया है। उन्होंने बताया कि भारत ने अब तक संयुक्त राष्ट्र के कुल 71 शांति अभियानों में से 51 अभियानों में हिस्सा लिया है और करीब तीन लाख भारतीय सैनिकों—पुरुषों और महिलाओं—ने इन अभियानों में सक्रिय योगदान दिया है। यह आंकड़ा भारत की वैश्विक जिम्मेदारी और प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

सेना प्रमुख ने आगे कहा कि भारतीय सेना ने न केवल शांति बनाए रखने में भूमिका निभाई है, बल्कि संघर्षग्रस्त इलाकों में मानवीय सहायता, पुनर्वास और स्थायी विकास को भी बढ़ावा दिया है। उन्होंने इस बात पर गर्व जताया कि भारतीय शांति सैनिकों ने हमेशा अनुशासन, समर्पण और मानवता की मिसाल पेश की है।

जनरल द्विवेदी ने इस अवसर पर सभी देशों से अपील की कि वे मिलकर काम करें ताकि संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशनों को और अधिक तकनीकी रूप से सशक्त और रणनीतिक रूप से प्रभावी बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि आज की जटिल वैश्विक परिस्थितियों में केवल सैन्य शक्ति नहीं, बल्कि मानवीय दृष्टिकोण और सहयोग ही स्थायी शांति की कुंजी है।

सम्मेलन में विभिन्न देशों के सैन्य प्रतिनिधियों ने भाग लिया और वैश्विक शांति अभियानों को और बेहतर बनाने के उपायों पर चर्चा की। भारत की सक्रिय भागीदारी और नेतृत्व ने एक बार फिर यह साबित किया कि वह न केवल एक सैन्य शक्ति है, बल्कि विश्व शांति और स्थिरता का सच्चा साझेदार भी है।

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