दूरसंचार क्षेत्र में उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) और दूरसंचार विभाग (DoT) ने सहमति जताई है कि अब मोबाइल या लैंडलाइन फोन पर कॉल करने वाले व्यक्ति का वास्तविक नाम डिफॉल्ट रूप से दिखाई देगा। यह सुविधा Calling Name Presentation (CNAP) नामक सिस्टम के तहत लागू की जाएगी।
धोखाधड़ी कॉल्स पर लगेगी लगाम
अक्सर उपभोक्ताओं को फर्जी कॉल्स, स्पैम और धोखाधड़ी के मामलों का सामना करना पड़ता है। कई फ्रॉड कॉल करने वाले अलग-अलग नंबर या पहचान छुपाकर लोगों को निशाना बनाते हैं। CNAP फीचर लागू होने के बाद—
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कॉल करने वाले का रजिस्टर नाम सीधे स्क्रीन पर दिखेगा
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फर्जी/स्पैम कॉल की तुरंत पहचान संभव होगी
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साइबर फ्रॉड और ठगी के मामलों में कमी आएगी
यह बदलाव सुरक्षा के दृष्टिकोण से बेहद अहम माना जा रहा है।
पहली बार भारत में अनिवार्य कॉलर-ID सुविधा
हालांकि अभी तक कई यूजर्स Truecaller जैसे थर्ड पार्टी ऐप्स पर निर्भर रहे हैं, लेकिन अब इसे सरकारी स्तर पर अनिवार्य किया जाएगा।
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नेटवर्क स्तर पर कॉलर की पहचान की जाएगी
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बिना किसी अतिरिक्त ऐप के कॉल का नाम दिखेगा
इस सिस्टम से डेटा सुरक्षा भी बेहतर होने की उम्मीद है, क्योंकि जानकारी सीधे टेलीकॉम ऑपरेटरों के डेटाबेस से आएगी।
कब लागू होगी यह सुविधा?
DoT और TRAI इस प्रोजेक्ट पर तेजी से काम कर रहे हैं।
आने वाले महीनों में—
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टेलीकॉम कंपनियों को तकनीकी बदलाव करने होंगे
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डेटाबेस इंटीग्रेशन और परीक्षण शुरू होगा
पूरे देश में इसे चरणबद्ध तरीके से लागू करने की योजना है।
उपभोक्ता को क्या होगा फायदा?
✅ अज्ञात नंबर से कॉल आने पर पहचान आसान
✅ सोशल इंजीनियरिंग स्कैम में कमी
✅ अधिक सुरक्षित कॉलिंग अनुभव
✅ बुजुर्ग और ग्रामीण उपभोक्ताओं के लिए बड़ा सहारा
विशेषज्ञों का कहना है कि यह सिस्टम भारत के विशाल टेलीकॉम नेटवर्क में डिजिटल ट्रस्ट को मजबूत करेगा।
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