Team India Selection Controversy: घरेलू क्रिकेट में लगातार दमदार प्रदर्शन, फिर भी नजरअंदाज! कब मिलेगा इन खिलाड़ियों को मौका?


 भारतीय क्रिकेट में टैलेंट की कभी कमी नहीं रही है, लेकिन जब चयन की बात आती है तो कई बेहतरीन खिलाड़ी लंबे समय से टीम इंडिया से बाहर बैठकर अवसर का इंतज़ार करते दिखाई देते हैं। घरेलू क्रिकेट में लगातार शानदार प्रदर्शन करने के बावजूद इन खिलाड़ियों को वह पहचान और मौका नहीं मिल रहा, जिसके वे हकदार हैं। इससे चयन प्रक्रिया पर सवाल उठने लगे हैं और फैंस भी चयनकर्ताओं के निर्णय पर नाराज़गी जाहिर कर रहे हैं।

ऐसे ही हम कुछ खिलाड़ियों की बात करेंगे जो अपनी काबिलियत साबित करने के बावजूद राष्ट्रीय टीम में जगह नहीं बना पा रहे हैं:

 सरफराज खान

सरफराज पिछले कुछ सीज़न से रणजी ट्रॉफी में लगातार रन बरसा रहे हैं। उनका औसत कई दिग्गजों से बेहतर है, लेकिन इंटरनेशनल टीम में अब तक जगह पाना उनके लिए चुनौती बना हुआ है। फैंस अक्सर सवाल करते हैं—इतनी निरंतरता के बाद भी चयन क्यों नहीं?

पृथ्वी शॉ

एक समय भारतीय क्रिकेट का भविष्य कहे जाने वाले पृथ्वी शॉ को टीम में लगातार मौक़े नहीं मिले। घरेलू क्रिकेट और इंग्लैंड की लीग में अच्छे प्रदर्शन के बावजूद चयनकर्ताओं की नजर उन पर कम पड़ रही है। उनकी आक्रामक ओपनिंग शैली टीम को मजबूती दे सकती है।

ऋतुराज गायकवाड़

भले ही वे कुछ सीमित अवसरों में टीम इंडिया में नजर आए हों, लेकिन उन्हें नियमितता से XI में जगह नहीं मिलती। IPL और घरेलू क्रिकेट में बेहतरीन निरंतरता के बावजूद वह स्थाई प्लेइंग रोल की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

 उमेश यादव

अनुभवी तेज गेंदबाज़ उमेश यादव को टेस्ट क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन के बावजूद बार-बार बाहर किया जाता है। घरेलू टूर्नामेंट में उनका अनुभव और विकेट लेने की काबिलियत उन्हें टीम के लिए उपयोगी बनाती है, लेकिन युवा खिलाड़ियों को प्राथमिकता मिलने से वे अक्सर बाहर दिखते हैं।

 जयंत यादव

ऑलराउंडर के रूप में उनका विकल्प मजबूत माना जाता है, पर खेल के इस गुण की टीम में डिमांड बढ़ने के बावजूद वे सेलेक्शन रडार में कम दिखाई देते हैं।

क्या चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता की जरूरत?

इन खिलाड़ियों का करियर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है—
क्या भारतीय टीम में चयन सिर्फ प्रदर्शन के आधार पर हो रहा है?
या फिर टीम कॉम्बिनेशन और प्रबंधन की पसंद-अनुपसंद कहीं ज्यादा प्रभाव डाल रही है?

फैंस का मानना है कि घरेलू क्रिकेट में लगातार मेहनत करने वाले खिलाड़ियों को नियमित अवसर दिए जाने चाहिए ताकि भारतीय टीम की बेंच स्ट्रेंथ और ज्यादा मजबूत हो सके।

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