देशभर में बढ़ती आवारा कुत्तों की समस्या पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। अदालत ने उन सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (UTs) के मुख्य सचिवों को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया है जिन्होंने अभी तक अदालत में हलफनामा दाखिल नहीं किया है।
22 अगस्त के आदेश का पालन नहीं किया गया
दरअसल, 22 अगस्त 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के दौरान सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया था कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में आवारा कुत्तों के नियंत्रण, टीकाकरण और पुनर्वास से जुड़ी नीतियों पर विस्तृत हलफनामा जमा करें। अदालत ने यह भी कहा था कि राज्य बताएं कि वे पशु कल्याण और नागरिक सुरक्षा के बीच संतुलन बनाने के लिए क्या कदम उठा रहे हैं।
लेकिन अब तक केवल पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और दिल्ली नगर निगम (MCD) ने ही सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए हलफनामा दायर किया है। बाकी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने अदालत के आदेश की अनदेखी की है, जिससे कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है।
सुप्रीम कोर्ट ने जताई नाराजगी
सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है क्योंकि देश के कई हिस्सों में आवारा कुत्तों के हमलों से लोग घायल हो रहे हैं और कुछ मामलों में मौतें भी हुई हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि राज्य सरकारों की लापरवाही और नीतिगत उदासीनता जनता की सुरक्षा से खिलवाड़ है। अदालत ने टिप्पणी की —
“यह केवल एक प्रशासनिक औपचारिकता नहीं है, बल्कि यह नागरिकों के जीवन के अधिकार से जुड़ा संवैधानिक दायित्व है।”
क्या कहा गया आदेश में
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि सभी मुख्य सचिवों को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होना होगा, और उन्हें बताना होगा कि अब तक हलफनामा क्यों दाखिल नहीं किया गया। अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख तय करते हुए कहा कि यदि कोई राज्य अनुपस्थित रहता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मामले का महत्व
आवारा कुत्तों का मुद्दा देश के लगभग हर राज्य में गंभीर बनता जा रहा है। बढ़ते हमलों और प्रशासनिक लापरवाही के कारण यह मामला अब जनहित और सार्वजनिक सुरक्षा का विषय बन गया है। सुप्रीम कोर्ट की यह सख्ती संकेत देती है कि भविष्य में इस विषय पर सुस्पष्ट राष्ट्रीय नीति और कठोर दिशा-निर्देश लागू हो सकते हैं।
अगली सुनवाई में अब सभी की नजरें इस पर होंगी कि कितने राज्य समय पर अदालत के आदेश का पालन करते हैं और देश में आवारा कुत्तों के प्रबंधन के लिए क्या ठोस कदम उठाए जाते हैं।
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