Supreme Court: दिवाली से पहले बड़ा फैसला, दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखों की सशर्त अनुमति

दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखों को लेकर सुप्रीम कोर्ट का अहम आदेश

दिवाली से ठीक पहले सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखे (Green Firecrackers) फोड़ने की अनुमति दे दी है। हालांकि, कोर्ट ने इस पर कुछ सख्त शर्तें भी लगाई हैं ताकि प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित किया जा सके और लोगों की सेहत पर इसका दुष्प्रभाव न पड़े।

कोर्ट ने साफ कहा है कि केवल ग्रीन पटाखे ही जलाए जा सकते हैं — यानी ऐसे पटाखे जिनसे प्रदूषण कम फैलता है और जिनमें हानिकारक रसायनों का प्रयोग नहीं किया जाता। इन पटाखों से सामान्य पटाखों की तुलना में लगभग 30 प्रतिशत कम प्रदूषण होता है।

पटाखे फोड़ने का समय तय: सुबह 6 से 7 और रात 8 से 10 बजे तक

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी स्पष्ट किया है कि लोग पूरे दिन पटाखे नहीं फोड़ सकते। तय समय के अनुसार दिवाली के दिन सुबह 6 बजे से 7 बजे तक और रात में 8 बजे से 10 बजे तक ही ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति होगी। इस आदेश का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली पुलिस और स्थानीय प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि नियमों का सख्ती से पालन किया जाए।

प्रदूषण को लेकर चिंता बरकरार

दिल्ली-एनसीआर में दिवाली के बाद प्रदूषण का स्तर हर साल खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है। कोर्ट ने कहा कि जनता की धार्मिक भावनाओं और पर्यावरण सुरक्षा के बीच संतुलन बनाना आवश्यक है। यही कारण है कि ग्रीन पटाखों को सीमित समय के लिए अनुमति दी गई है।

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर लोग केवल ग्रीन पटाखों का उपयोग करें और तय समय का पालन करें, तो वायु गुणवत्ता में ज्यादा गिरावट नहीं आएगी। इसके साथ ही कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि वे प्रदूषण नियंत्रण के उपायों को और सख्त करें।

कोर्ट की चेतावनी: आदेश तोड़ा तो होगी कार्रवाई

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि कोई भी व्यक्ति या संस्था अगर इस आदेश का उल्लंघन करती पाई गई, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। कोर्ट ने यह भी जोड़ा कि इस आदेश का उद्देश्य किसी की परंपरा या त्यौहार को रोकना नहीं है, बल्कि पर्यावरण की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है।

इस तरह सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला दिवाली के उत्सव और पर्यावरण सुरक्षा — दोनों के बीच संतुलन बनाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।

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