भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विसेज का दायरा लगातार बढ़ रहा है, और इसी बीच एलन मस्क की कंपनी Starlink भारतीय बाजार में प्रवेश के बेहद करीब पहुंच गई है। कंपनी जल्द ही अपनी हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड सेवाओं को भारत में शुरू कर सकती है। जानकारी के अनुसार, स्टारलिंक देश में अपनी लॉन्चिंग की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाने जा रही है। इसके तहत कंपनी आज और कल मुंबई में अपनी सर्विस का लाइव डेमो प्रस्तुत करेगी।
स्टारलिंक सर्विस क्या है और यह खास क्यों?
Starlink एक सैटेलाइट-आधारित इंटरनेट सर्विस है, जो धरती के निचले कक्ष (LEO – Low Earth Orbit) में मौजूद हजारों उपग्रहों की मदद से इंटरनेट उपलब्ध कराती है।
इसके फायदे:
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दूर-दराज और ग्रामीण इलाकों में भी तेज इंटरनेट उपलब्ध
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फाइबर या मोबाइल नेटवर्क पर निर्भरता कम
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100 Mbps से 1 Gbps तक की उच्च गति
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कम लेटेंसी, जिससे वीडियो कॉल, ऑनलाइन गेमिंग और स्ट्रीमिंग में बेहतर अनुभव
भारत जैसे बड़े और विविध भौगोलिक संरचना वाले देश में यह तकनीक बेहद उपयोगी साबित हो सकती है।
🇮🇳 भारत में डेमो क्यों महत्वपूर्ण?
कंपनी पिछले काफी समय से भारत में लाइसेंस और नियामक अनुमोदन (regulatory approvals) को लेकर काम कर रही है। मुंबई में होने वाला यह डेमो:
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टेक्निकल टेस्टिंग
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सरकारी और इंडस्ट्री पार्टनर्स के सामने प्रस्तुति
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संभावित बिजनेस मॉडल और कवरेज का विश्लेषण
जैसे कई पहलुओं को साफ करेगा। माना जा रहा है कि डेमो के सफल होने के बाद सरकार से आवश्यक मंजूरी मिलने की प्रक्रिया तेज हो जाएगी।
भारत के किन क्षेत्रों को होगा सबसे ज्यादा फायदा?
Starlink की टेस्टिंग विशेष रूप से उन क्षेत्रों में उपयोगी साबित होगी—
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ऐसे गांव और पर्वतीय इलाकों में, जहां नेटवर्क पहुंच कम है
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सीमावर्ती इलाके
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आपदा के दौरान संचार व्यवस्था बनाए रखने में
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स्कूलों, अस्पतालों और सरकारी सेवाओं को जोड़ने में
भारत में प्लान और कीमत?
हालांकि कंपनी ने अभी आधिकारिक रूप से भारत के लिए अपने प्लान्स का खुलासा नहीं किया है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय कीमतों के आधार पर माना जा रहा है कि:
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एक किट (डिश + राउटर) की कीमत ₹30,000–₹45,000 के बीच
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मासिक प्लान ₹2,000–₹7,000 तक हो सकता है
लॉन्चिंग के बाद भारतीय बाजार के अनुसार इन कीमतों में बदलाव संभव है।
निष्कर्ष
स्टारलिंक की एंट्री भारत की डिजिटल कनेक्टिविटी में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है। मुंबई डेमो के बाद इसके व्यावसायिक रोलआउट की राह और भी साफ हो जाएगी। अगर सबकुछ योजना के अनुसार
चलता है, तो बेहद जल्द भारतीय यूजर्स को अंतरराष्ट्रीय स्तर की सैटेलाइट इंटरनेट सेवा का लाभ मिल सकता है।
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