भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। बुधवार सुबह वे हरियाणा के अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पहुंचीं, जहां उन्होंने भारतीय वायुसेना के अत्याधुनिक लड़ाकू विमान राफेल में उड़ान भरी। राष्ट्रपति पद संभालने के बाद उनका यह पहला फाइटर जेट फ्लाइट मिशन था, जिसे राष्ट्र की सुरक्षा और सैन्य क्षमता का प्रत्यक्ष अनुभव करने के रूप में देखा जा रहा है।
फाइटर पायलट सूट में नजर आईं राष्ट्रपति
राष्ट्रपति मुर्मू ने वायुसेना के पायलट सूट में तैयार होकर उड़ान भरी। उनके चेहरे पर उत्साह और गर्व साफ दिखाई दे रहा था। टेकऑफ से पहले उन्होंने एयरफोर्स अधिकारियों से राफेल की तकनीकी खूबियों और मिशन ऑपरेशंस की जानकारी ली। यह उड़ान वायुसेना के अनुभवी पायलट की अगुवाई में पूरी सुरक्षा के साथ संपन्न हुई।
राफेल: वायुसेना की रीढ़ बना आधुनिक युद्धक विमान
राफेल फाइटर जेट फ्रांस की डसॉल्ट एविएशन द्वारा बनाया गया बहु-भूमिका लड़ाकू विमान है, जिसे 2020 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था। यह हवा में हवा से, हवा से जमीन पर प्रहार करने की क्षमता और आधुनिक हथियार प्रणालियों से लैस है। इस विमान के शामिल होने के बाद भारतीय वायुसेना की शक्ति कई गुना बढ़ी है। राष्ट्रपति का इसका हिस्सा बनकर उड़ान भरना इसकी अहमियत को दर्शाता है।
सुरक्षा व्यवस्था रही चाक-चौबंद
राष्ट्रपति के कार्यक्रम को देखते हुए एयरफोर्स स्टेशन और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा बेहद कड़ी रखी गई थी। किसी भी संभावित खतरे को रोकने के लिए स्टेशन के आसपास ड्रोन उड़ाने पर पूरी तरह पाबंदी लगाई गई थी। स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों ने अतिरिक्त सतर्कता बरती और पूरी व्यवस्था का पालन किया।
राष्ट्रपति मुर्मू का प्रेरक कदम
द्रौपदी मुर्मू देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति हैं और अब वे राफेल में उड़ान भरने वाली भारत की प्रथम नागरिकों में से एक बन गई हैं। इससे पहले भी भारत के राष्ट्रपति भारतीय सशस्त्र बलों की कार्यप्रणाली को समझने के लिए युद्धक उपकरणों के साथ अनुभव लेते रहे हैं, लेकिन मुर्मू का यह कदम देश की बेटियों और युवाओं के लिए विशेष प्रेरणा का स्रोत बनेगा।
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