दुनिया भर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चैटबॉट्स का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है, और इसके साथ ही मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े परामर्श की मांग भी बढ़ी है। OpenAI की हालिया रिपोर्ट में बताया गया है कि हर हफ्ते 10 लाख से अधिक यूजर्स ChatGPT से तनाव, चिंता और आत्मघाती विचारों जैसी संवेदनशील समस्याओं पर बात करते हैं। यह आंकड़ा इस बात को दर्शाता है कि लोग मानसिक स्वास्थ्य सहायता के लिए अब डिजिटल माध्यमों पर भरोसा बढ़ा रहे हैं।
मेंटल हेल्थ सपोर्ट को बेहतर बनाने पर काम
OpenAI ने स्वीकार किया है कि ऐसे बातचीत बेहद संवेदनशील होती हैं और चैटबॉट को उपयोगकर्ताओं को सही दिशा में मदद करने का महत्वपूर्ण दायित्व निभाना पड़ता है। इसी को ध्यान में रखते हुए कंपनी ने नए सुरक्षा अपडेट जारी किए हैं, जिनमें शामिल हैं—
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मेन्टल हेल्थ एक्सपर्ट्स की टीम द्वारा प्रशिक्षित प्रतिक्रिया प्रणाली
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संकट की स्थिति में तुरंत सहायता संपर्कों की जानकारी
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हानिकारक या गलत सलाह देने की स्थिति का कठोर नियंत्रण
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भावनात्मक रूप से संवेदनशील भाषा का प्रयोग
कंपनी का कहना है कि उनका लक्ष्य AI को "सुरक्षित साथी" के रूप में विकसित करना है, जो उपयोगकर्ता की स्थिति को और खराब न करे, बल्कि सकारात्मक मदद की ओर प्रेरित करे।
डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भरोसे का बढ़ना
मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े विषयों पर लोग कई बार अपने परिवार या दोस्तों से भी खुलकर बात नहीं कर पाते। ऐसे में ChatGPT जैसे AI चैटबॉट उन्हें बिना झिझक बात करने का अवसर देते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि:
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24×7 उपलब्धता
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गोपनीय बातचीत
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शर्म या सामाजिक दबाव से मुक्ति
उपयोगकर्ताओं को इस तरह की सेवाओं की ओर आकर्षित कर रहा है।
फिर भी प्रोफेशनल मदद का विकल्प नहीं
OpenAI ने चेतावनी दी है कि ChatGPT जैसे AI सिस्टम मेडिकल या मनोवैज्ञानिक पेशेवरों का विकल्प नहीं हो सकते। गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं की स्थिति में विशेषज्ञ से सीधे संपर्क करना आवश्यक है।
यदि आपको या आपके किसी जानने वाले को मदद की ज़रूरत है
भारत में मानसिक स्वास्थ्य सहायता:
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AASRA हेल्पलाइन: 📞 +91-9820466726 (24×7)
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iCall: 📞 +91-9152987821
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सरकार का टेली MANAS: ☎️ 14416 या 1-800-891-4416
आप अकेले नहीं हैं। मदद उपलब्ध है। 🙏
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