आज यानी 10 अक्टूबर 2025 को इस साल के नोबेल शांति पुरस्कार के विजेता का ऐलान होने जा रहा है। दुनिया की निगाहें नॉर्वे के ओस्लो शहर पर टिकी हैं, जहां नॉर्वेजियन नोबेल कमेटी विजेता के नाम से पर्दा उठाएगी। हर साल की तरह इस बार भी संभावित उम्मीदवारों के नामों को लेकर अटकलें तेज हैं। खासतौर पर, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की दावेदारी चर्चा में है — लेकिन क्या उन्हें यह सम्मान मिलेगा?
क्या डोनाल्ड ट्रंप बन सकते हैं नोबेल शांति पुरस्कार विजेता?
ट्रंप कई बार खुद को “वैश्विक शांति का सूत्रधार” कह चुके हैं। उन्होंने दावा किया है कि उनकी नीतियों ने विश्वभर में संघर्ष कम किए, खासकर अब्राहम समझौते (Abraham Accords) जैसे कूटनीतिक प्रयासों के जरिए। इस साल भी ट्रंप को कुछ देशों के नेताओं ने नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया है।
हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप की नीतियां और विवादास्पद बयान उनके खिलाफ जा सकते हैं। नॉर्वेजियन नोबेल कमेटी आमतौर पर मानवाधिकार, संघर्ष समाधान और मानवीय कार्यों को प्राथमिकता देती है — ऐसे में ट्रंप का चयन होना मुश्किल माना जा रहा है। कई विश्लेषकों के अनुसार, यह साल किसी सामाजिक कार्यकर्ता या मानवाधिकार संगठन के नाम हो सकता है।
कौन हैं अन्य प्रमुख दावेदार?
नोबेल शांति पुरस्कार 2025 के लिए दुनिया भर से 338 उम्मीदवारों के नाम सामने आए हैं — जिनमें 244 व्यक्ति और 94 संगठन शामिल हैं। इनमें से कुछ प्रमुख नाम इस प्रकार हैं:
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यूलिया नवाल्नाया (Yulia Navalnaya): रूस के विपक्षी नेता एलेक्सी नवाल्नी की पत्नी, जिन्होंने अपने पति की मृत्यु के बाद रूस में लोकतंत्र और स्वतंत्रता की लड़ाई को आगे बढ़ाया।
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Doctors Without Borders (MSF): यह अंतरराष्ट्रीय संगठन युद्धग्रस्त और आपदा-प्रभावित क्षेत्रों में चिकित्सा सहायता प्रदान करता है।
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Sudan’s Emergency Response Rooms: सूडान में चल रहे संघर्ष के बीच नागरिकों को राहत और सुरक्षा देने वाला स्वयंसेवी नेटवर्क।
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संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी आयोग (UNHCR): युद्ध और विस्थापन से जूझ रहे लाखों शरणार्थियों की मदद करने वाला वैश्विक संगठन।
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यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy): रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान उनके नेतृत्व और शांति प्रयासों के लिए उनका नाम भी चर्चा में है।
कौन होगा 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार विजेता?
नोबेल कमेटी हर बार की तरह इस बार भी नामों को पूरी तरह गोपनीय रखे हुए है। हालांकि, राजनीतिक हस्तियों की तुलना में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और राहत संगठनों को बढ़त मानी जा रही है। कई विश्लेषकों का अनुमान है कि इस बार का पुरस्कार किसी ऐसे संगठन या व्यक्ति को मिलेगा जिसने संघर्षों के बीच मानवता और शांति के लिए उल्लेखनीय योगदान दिया है।
जैसे-जैसे घड़ी घोषणा की ओर बढ़ रही है, उत्सुकता बढ़ती जा रही है। क्या यह पुरस्कार ट्रंप जैसे राजनीतिक चेहरों के पास जाएगा, या किसी ऐसे व्यक्ति के हाथ में जो बिना प्रसिद्धि के शांति की राह पर काम कर रहा है — यह कुछ ही घंटों में स्पष्ट हो जाएगा।
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