Narak Chaturdashi 2025: नरक चतुर्दशी पर यम दीप जलाते समय न करें ये गलतियां

Narak Chaturdashi 2025 Tithi और महत्व

नरक चतुर्दशी, जिसे छोटी दिवाली भी कहा जाता है, इस वर्ष 20 अक्टूबर 2025 को पड़ रही है। यह दिवाली उत्सव का दूसरा दिन है और विशेष रूप से यमराज के सम्मान में मनाया जाता है। इस दिन ‘यम दीप’ जलाना बेहद शुभ माना जाता है। मान्यता है कि यम दीप जलाने से जीवन में अंधकार और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और घर में सुख-समृद्धि आती है।

यम दीप जलाने का महत्व

नरक चतुर्दशी पर यमराज के नाम का दीपक जलाना बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

इसे जलाने से यमराज की कृपा प्राप्त होती है और मृतकों की आत्मा को शांति मिलती है।

घर में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि आती है।

इस दिन विशेष पूजा और दीपक जलाने से अवांछित घटनाओं और बुरे प्रभावों से सुरक्षा मिलती है।


यम दीप जलाते समय न करें ये गलतियां

1. गलत समय पर दीपक जलाना: यम दीप हमेशा संध्या समय या पंचांग अनुसार शुभ मुहूर्त में ही जलाएं।


2. गंदे या असफाई स्थान पर दीपक रखना: दीपक हमेशा साफ और स्वच्छ स्थान पर ही रखें।


3. असावधानी से जलाना: दीपक जलाते समय आग से सुरक्षा का ध्यान रखें और बच्चों को पास न रखें।


4. पूजा सामग्री का अभाव: दीपक के साथ फूल, अगरबत्ती और तेल या घी पर्याप्त मात्रा में रखें।


5. व्रत या मनोकामना का ध्यान न रखना: दीपक जलाते समय मन से सच्ची श्रद्धा और इच्छा रखें, केवल दिखावे के लिए दीपक जलाना फलदायी नहीं होता।



नरक चतुर्दशी की पूजा विधि

1. संध्या समय पर स्नान और स्वच्छ वस्त्र पहनें।


2. घर के मुख्य द्वार और पूजा स्थल को साफ करें।


3. यमराज के नाम का दीपक घर के उत्तर-पश्चिम दिशा में रखें।


4. दीपक जलाते समय यमराज की पूजा और भजन करें।


5. दीपक जलाने के बाद घर के सभी सदस्य दीपक के चारों ओर दीपमालिका से घर की चारों दिशाओं में चलाएं।



नरक चतुर्दशी 2025 का यह पर्व केवल रिवाज या परंपरा नहीं है, बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, सुरक्षा और समृद्धि लाने का भी माध्यम है। इसलिए यम दीप जलाते समय इन बातों का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है।

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