2024 की सर्जरी के बाद कठिन राह
साल 2024 में शमी ने पैर की सर्जरी कराई थी, जिसके बाद वह लंबे समय तक मैदान से दूर रहे। उन्होंने अपनी वापसी दलीप ट्रॉफी से की, लेकिन इसके बावजूद उन्हें टीम इंडिया में जगह नहीं मिल सकी।
शमी को इंग्लैंड टेस्ट सीरीज, एशिया कप, वेस्टइंडीज टेस्ट और अब ऑस्ट्रेलिया टूर से भी बाहर रखा गया है। चयनकर्ताओं ने फिलहाल नए गेंदबाजों — जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज और मुकेश कुमार — पर भरोसा जताया है।
डिविलियर्स का बयान और विवाद
एबी डिविलियर्स ने अपने बयान में कहा, “मुझे लगता है कि भारतीय टीम अब शमी से आगे बढ़ चुकी है। उन्होंने शानदार करियर खेला है, लेकिन टीम में नई पीढ़ी के गेंदबाज आ चुके हैं।”
डिविलियर्स के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई। कई फैंस का कहना है कि शमी जैसे अनुभवी गेंदबाज को यूं नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता, जबकि कुछ का मानना है कि अब भारत को यंग पेस अटैक पर फोकस करना चाहिए।
रणजी ट्रॉफी में शमी की दमदार वापसी
हाल ही में खेले गए रणजी मैच में शमी ने अपनी पुरानी रफ्तार और स्विंग से सबको चौंका दिया। उन्होंने महज दो पारियों में 8 विकेट लेकर यह दिखा दिया कि उनकी धार अब भी बरकरार है।
उनकी लाइन-लेंथ और सीम पोज़िशन पहले जैसी ही घातक दिखी, जिससे यह साफ है कि अगर वह पूरी तरह फिट रहते हैं, तो टीम इंडिया में उनकी वापसी असंभव नहीं है।
फिटनेस और फॉर्म पर नजर
टीम प्रबंधन फिलहाल शमी की फिटनेस पर बारीकी से नजर रख रहा है। अगर वह अगले कुछ महीनों में अपनी रफ्तार और स्टैमिना साबित करते हैं, तो 2026 की टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल या चैंपियंस ट्रॉफी जैसे बड़े टूर्नामेंटों में उनकी वापसी संभव है।
निष्कर्ष: अनुभव बनाम नई पीढ़ी की जंग
शमी का रणजी प्रदर्शन इस बात का सबूत है कि उनका करियर खत्म नहीं हुआ है। भले ही टीम इंडिया अभी नई पीढ़ी के गेंदबाजों पर भरोसा कर रही हो, लेकिन अगर अनुभवी शमी अपनी फिटनेस और रफ्तार साबित कर दें, तो वह एक बार फिर ब्लू जर्सी में धमाकेदार वापसी कर सकते हैं।
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