London Phone Theft Crisis: लंदन बना वैश्विक फोन चोरी का सबसे बड़ा गढ़, बीते वर्ष 80 हजार से अधिक मामले दर्ज


 इंग्लैंड की राजधानी लंदन एक ओर दुनिया के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में शुमार है, तो दूसरी ओर यह अब वैश्विक स्मार्टफोन चोरी का गढ़ बन चुका है। पिछले वर्ष जारी आधिकारिक आंकड़ों में खुलासा हुआ है कि सिर्फ 2023-24 के दौरान शहर में 80,000 से अधिक फोन चोरी की घटनाएं दर्ज की गईं। यह संख्या न सिर्फ ब्रिटेन बल्कि पूरी दुनिया में फोन चोरी के मामलों की दृष्टि से लंदन को शीर्ष पर रखती है।

लंदन पुलिस और स्थानीय अधिकारियों के अनुसार फोन चोरी की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। अपराधी गैंग मुख्य रूप से पर्यटकों और युवा पीढ़ी को निशाना बनाते हैं। भीड़भाड़ वाले बाजार, मेट्रो स्टेशन, कैफे और प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों पर आपरेटर्स कुछ ही सेकंड में फोन झपटकर भाग जाते हैं। कई बार यह अपराध स्कूटर, ई-बाइक या बाइकों पर सवार होकर किया जाता है, जिससे आरोपी तुरंत फरार हो जाएं।

कानून प्रवर्तन एजेंसियों का कहना है कि चोरी किए गए अधिकांश फोन डार्क मार्केट और इंटरनेशनल नेटवर्क में पहुंच जाते हैं। इनमें से कई फोन विदेशी देशों में रीसेल किए जाते हैं या उनके पार्ट्स को अलग कर काले बाजार में बेचा जाता है। इस तरह का सेटअप इतना संगठित हो चुका है कि एक बार फोन चोरी होने के बाद उसका पता लगाना बेहद मुश्किल होता है।

मोबाइल फोन चोरी केवल एक डिवाइस का नुकसान नहीं है, बल्कि इसके साथ डेटा चोरी, बैंक फ्रॉड और पहचान की चोरी जैसे गंभीर खतरे भी जुड़े होते हैं। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि आधुनिक स्मार्टफोन में लोगों की निजी ज़िंदगी से जुड़ी लगभग हर जानकारी रहती है — जैसे बैंक अकाउंट्स, सोशल मीडिया, डिजिटल वॉलेट और निजी फोटो-वीडियो। ऐसे में फोन चोरी होने पर यूजर्स को आर्थिक और मानसिक तनाव का भी सामना करना पड़ता है।

लंदन पुलिस द्वारा नागरिकों के लिए कई सलाह जारी की गई हैं, जिनमें सार्वजनिक स्थानों पर सतर्क रहना, फोन को सुरक्षित पॉकेट या बैग में रखना, मजबूत पासकोड उपयोग करना और चोरी होने पर तुरंत पुलिस व नेटवर्क कंपनी को सूचित करना शामिल है। इसके अलावा, पुलिस टेक्नोलॉजी कंपनियों के साथ मिलकर मोबाइल सुरक्षा फीचर्स को और मजबूत बनाने पर भी काम कर रही है।

सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यदि समय रहते प्रभावी कदम नहीं उठाए गए, तो लंदन में फोन चोरी का संकट और गंभीर रूप ले सकता है। वहीं सरकार ने भी कहा है कि सार्वजनिक सुरक्षा प्राथमिकता है और अपराधियों पर नकेल कसने के लिए कड़े कानून और निगरानी तंत्र लागू किए जाएंगे।

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