Karwa Chauth 2025: आज रखा जाएगा अखंड सुहाग का व्रत, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और चंद्रोदय का समय

 

Karwa Chauth 2025 Puja Vidhi & Muhurat:
आज यानी 10 अक्टूबर 2025 (शुक्रवार) को पूरे देशभर में सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखद वैवाहिक जीवन की कामना के लिए करवा चौथ का व्रत रख रही हैं। यह पर्व हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं सूर्योदय से लेकर चंद्रमा के दर्शन तक निर्जला व्रत रखती हैं और चांद को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत का पारण करती हैं।

करवा चौथ 2025 का शुभ मुहूर्त (Karwa Chauth 2025 Shubh Muhurat)

  • चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 10 अक्टूबर 2025, सुबह 06:46 बजे

  • चतुर्थी तिथि समाप्त: 11 अक्टूबर 2025, सुबह 04:18 बजे

  • पूजा का शुभ समय: शाम 05:55 बजे से 07:12 बजे तक

  • चंद्रोदय का समय: रात 08:17 बजे

इस शुभ मुहूर्त में महिलाएं सोलह श्रृंगार करके भगवान शिव, मां पार्वती, भगवान गणेश और कार्तिकेय की पूजा करती हैं। इसके बाद करवे में जल भरकर चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है और पति के हाथ से जल ग्रहण करके व्रत का पारण किया जाता है।

करवा चौथ व्रत की विधि (Karwa Chauth Puja Vidhi)

  1. सुबह की तैयारी: व्रत से पहले ‘सर्गी’ खाने की परंपरा होती है, जो सास द्वारा दी जाती है। इसे सूर्योदय से पहले खाया जाता है।

  2. पूजा की तैयारी: दोपहर में महिलाएं स्नान कर नए वस्त्र पहनती हैं और सोलह श्रृंगार करती हैं।

  3. पूजन सामग्री: करवा, दीया, थाली, कलश, अखंड ज्योति, चंदन, कपूर, फूल, मिठाई और छलनी का विशेष महत्व होता है।

  4. करवा चौथ कथा: पूजा के दौरान करवा चौथ व्रत कथा सुनना या पढ़ना अनिवार्य होता है।

  5. चंद्र दर्शन: चंद्रमा निकलने पर छलनी से चंद्रमा और फिर पति का मुख देखा जाता है। इसके बाद पति व्रती स्त्री को जल पिलाकर व्रत खुलवाते हैं।

करवा चौथ का महत्व (Significance of Karwa Chauth)

करवा चौथ सिर्फ एक धार्मिक व्रत नहीं, बल्कि पति-पत्नी के अटूट प्रेम और विश्वास का प्रतीक है। इस दिन का उद्देश्य केवल पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखना नहीं, बल्कि जीवनसाथी के प्रति निष्ठा, समर्पण और प्रेम को दृढ़ करना भी है।
मान्यता है कि इस व्रत को सच्चे मन से करने वाली स्त्री के जीवन में कभी वैधव्य का दुख नहीं आता और उसका गृहस्थ जीवन सुखमय बना रहता है।

इस प्रकार करवा चौथ 2025 का यह पावन पर्व हर सुहागिन के जीवन में प्रेम, विश्वास और सौभाग्य का प्रकाश लेकर आता है।

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