आजकल इंस्टाग्राम रील्स, यूट्यूब शॉर्ट्स और फेसबुक पोस्ट्स पर एक ही चीज़ की खूब चर्चा हो रही है — “करुंगली माला” (Karungali Mala)। कहा जा रहा है कि यह माला पहनने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है, मन शांत रहता है और जीवन में सुख-समृद्धि बढ़ती है।
लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या यह वाकई में इतनी चमत्कारी है या सिर्फ एक सोशल मीडिया ट्रेंड? आइए जानते हैं करुंगली माला की असली सच्चाई, इसके फायदे और इससे जुड़े मिथक।
क्या है करुंगली माला (Karungali Mala)?
करुंगली माला एक प्रकार की पवित्र लकड़ी से बनाई जाती है, जिसे तमिलनाडु और दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में “Ebony Wood” (करुंगली काष्ठ) कहा जाता है।
इसे धार्मिक रूप से बहुत शुभ माना जाता है और कहा जाता है कि यह भगवान शिव और देवी पार्वती से जुड़ी हुई मानी जाती है।
इस माला का उपयोग विशेष रूप से ध्यान, प्रार्थना और ऊर्जात्मक संतुलन के लिए किया जाता है।
सोशल मीडिया पर क्यों हुई वायरल?
पिछले कुछ महीनों में कई इंस्टाग्राम इंफ्लुएंसर्स और यूट्यूबर्स ने इस माला के चमत्कारी गुणों का प्रचार किया है।
उन्होंने दावा किया कि करुंगली माला पहनने से —
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बुरी नजर और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा मिलती है।
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बिजनेस और करियर में सफलता बढ़ती है।
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मानसिक शांति और आत्मविश्वास में सुधार होता है।
इन दावों के चलते करुंगली माला तेजी से सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगी और इसकी बिक्री में भी जबरदस्त उछाल देखा गया।
क्या वाकई में करुंगली माला इतनी करामाती है?
हालांकि करुंगली माला का आध्यात्मिक महत्व माना जाता है, लेकिन इसके वैज्ञानिक या चिकित्सा दृष्टिकोण से कोई ठोस प्रमाण नहीं मिले हैं।
आयुर्वेद या आधुनिक विज्ञान में ऐसा कोई शोध नहीं है जो यह साबित करे कि यह माला पहनने से मानसिक या शारीरिक स्वास्थ्य पर कोई सीधा असर पड़ता है।
हाँ, अगर आप ध्यान या मेडिटेशन करते समय इसे पहनते हैं, तो यह प्लेसिबो इफेक्ट यानी सकारात्मक मानसिक प्रभाव ज़रूर डाल सकता है।
कैसे करें इसका उपयोग (यदि करना चाहें)
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माला को साफ-सुथरी अवस्था में रखें और नकारात्मक भावनाओं के साथ न पहनें।
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इसे सुबह ध्यान या पूजा के समय पहनना शुभ माना जाता है।
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माला को पानी या रासायनिक पदार्थों से दूर रखें ताकि उसकी लकड़ी खराब न हो।
निष्कर्ष
करुंगली माला एक आध्यात्मिक और पारंपरिक प्रतीक है, जिसका उद्देश्य मन की शांति और सकारात्मकता को बढ़ाना है।
लेकिन इसके चमत्कारी दावे पूरी तरह साबित नहीं हुए हैं।
अगर आप इसे पहनते हैं, तो इसे विश्वास और आत्मबल के प्रतीक के रूप में अपनाएं, न कि किसी जादुई उपाय के रूप में।
याद रखिए — असली शक्ति किसी माला में नहीं, बल्कि आपके विश्वास और विचारों में होती है।
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