India-Canada Relations: नई शुरुआत की ओर बढ़ते रिश्ते, पीएम कार्नी को भारत का आमंत्रण

संबंधों में आई नई गर्माहट

भारत और कनाडा के बीच कुछ समय से ठंडे पड़े रिश्तों में अब नई गर्माहट देखने को मिल रही है। भारत सरकार ने कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी को अगले साल की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत के लिए आमंत्रित किया है। यह निमंत्रण दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों को फिर से मजबूत करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।

फरवरी में नई दिल्ली में होगी मुलाकात

सूत्रों के अनुसार, भारत ने प्रधानमंत्री कार्नी को फरवरी 2026 में नई दिल्ली में आयोजित होने वाले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक्शन सम्मेलन (AI Action Summit) में भाग लेने के लिए न्योता भेजा है। इस अवसर पर दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच द्विपक्षीय वार्ता की भी संभावना है, जिसमें व्यापार, तकनीक, सुरक्षा और शिक्षा जैसे मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है।

हाल के तनाव और सुधार की कोशिशें

भारत और कनाडा के रिश्तों में पिछले साल खालिस्तानी गतिविधियों और कूटनीतिक विवादों के कारण तनाव देखने को मिला था। दोनों देशों ने एक-दूसरे के राजनयिकों को सीमित किया था और व्यापार वार्ताएं भी ठप पड़ गई थीं। हालांकि अब दोनों पक्ष यह संकेत दे रहे हैं कि वे संवाद के ज़रिए मतभेदों को दूर करना चाहते हैं।
कनाडा में नई सरकार बनने और मार्क कार्नी के प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद, यह उम्मीद जताई जा रही है कि द्विपक्षीय संबंधों में सुधार की दिशा में नया अध्याय शुरू हो सकता है।

व्यापार और तकनीकी सहयोग पर फोकस

भारत और कनाडा के बीच करीब 8 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार होता है। विशेषज्ञों का मानना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डिजिटल नवाचार के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच साझेदारी की बड़ी संभावनाएं हैं। इस सम्मेलन में भाग लेकर कनाडा भारत के साथ तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देना चाहता है, जबकि भारत भी अपनी “डिजिटल इंडिया और AI फॉर ऑल” नीति को वैश्विक स्तर पर आगे ले जाना चाहता है।

निष्कर्ष

भारत द्वारा प्रधानमंत्री मार्क कार्नी को दिया गया यह आमंत्रण दोनों देशों के बीच संवाद और सहयोग की नई शुरुआत का प्रतीक है। यदि यह बैठक सफल रहती है, तो न केवल द्विपक्षीय संबंधों में सुधार आएगा, बल्कि व्यापार और तकनीकी क्षेत्रों में भी नई संभावनाओं के द्वार खुलेंगे। यह पहल भारत-कनाडा संबंधों को एक नई दिशा देने वाला ऐतिहासिक कदम साबित हो सकता है।

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