ED की बड़ी कार्रवाई: कफ सिरप से बच्चों की मौत के मामले में श्रीसन फार्मा के सात ठिकानों पर छापेमारी

कफ सिरप कांड में ईडी की एंट्री

कफ सिरप से बच्चों की मौत के मामले में अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सख्त रुख अपनाया है। ईडी ने शुक्रवार को तमिलनाडु स्थित श्रीसन फार्मा (Srisun Pharma) के सात ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत की गई है। एजेंसी को शक है कि कंपनी ने अवैध रूप से मुनाफा कमाने के लिए गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों की अनदेखी की, जिसके चलते यह गंभीर हादसा हुआ।

सीडीएससीओ की रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) द्वारा की गई जांच में कई गंभीर खामियां सामने आईं। रिपोर्ट में कहा गया है कि श्रीसन फार्मा और तमिलनाडु खाद्य एवं औषधि प्रशासन (TNFDA) दोनों ने निर्धारित मानकों का पालन नहीं किया। जांच में पाया गया कि कंपनी की उत्पादन इकाइयों में बुनियादी ढांचे की भारी कमी है। लैब की स्वच्छता, स्टोरेज कंडीशन और गुणवत्ता परीक्षण की प्रक्रिया में गंभीर लापरवाही बरती गई।

सुरक्षा नियमों की बार-बार अनदेखी

जांच एजेंसियों के अनुसार, कंपनी पर पहले भी कई बार सुरक्षा मानकों के उल्लंघन के आरोप लग चुके हैं। रिपोर्ट बताती है कि उत्पादन के दौरान उपयोग होने वाले केमिकल्स और कच्चे माल की गुणवत्ता पर कोई निगरानी नहीं रखी गई। कई नमूने ऐसे पाए गए जो अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानकों से बहुत नीचे थे।

बच्चों की मौत के बाद बढ़ा अंतरराष्ट्रीय दबाव

श्रीसन फार्मा द्वारा निर्मित कफ सिरप को लेकर कई विदेशी देशों ने भी चिंता जताई थी। रिपोर्ट्स के अनुसार, अफ्रीकी देशों में दर्जनों बच्चों की मौत इस सिरप के सेवन के बाद हुई थी। इसके बाद भारत सरकार ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दिए। अब ईडी की कार्रवाई से संकेत मिल रहे हैं कि वित्तीय गड़बड़ियों का भी बड़ा मामला सामने आ सकता है।

ईडी की छापेमारी से मचा हड़कंप

ईडी की टीमों ने कंपनी के दफ्तरों, गोदामों और निदेशकों के आवासों पर एक साथ कार्रवाई की। छापेमारी के दौरान बड़ी मात्रा में दस्तावेज़, डिजिटल रिकॉर्ड और बैंक लेनदेन से जुड़ी जानकारी जब्त की गई है। एजेंसी अब यह जांच कर रही है कि क्या कंपनी ने जानबूझकर निम्न गुणवत्ता की दवाएं बनाकर मुनाफा कमाया।

निष्कर्ष

कफ सिरप से बच्चों की मौत के इस मामले ने एक बार फिर दवा उद्योग की निगरानी व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। श्रीसन फार्मा पर ईडी की कार्रवाई यह साफ संकेत है कि अब सरकार इस तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेगी। आने वाले दिनों में इस केस में कई और खुलासे होने की उम्मीद है।

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