Donald Trump का दावा: “सब खुश... ये 8वीं जंग जो मैंने रुकवाई”, भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम पर फिर लिया श्रेय
गाजा संकट पर शांति शिखर सम्मेलन में ट्रंप की भागीदारी
गाजा मुद्दे को लेकर दुनिया के शीर्ष नेताओं का जमावड़ा आज मिस्र के शर्म अल-शेख शहर में होने जा रहा है। इस शांति शिखर सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समेत करीब 20 देशों के प्रमुख नेता शामिल होंगे। इस सम्मेलन का उद्देश्य इस्राइल-हमास संघर्ष को समाप्त करने और क्षेत्र में शांति बहाल करने के उपायों पर चर्चा करना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी मिस्र की ओर से आमंत्रण भेजा गया था, हालांकि उन्होंने इस बार सम्मेलन में भाग नहीं लेने का फैसला किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप इस समय अपने विशेष विमान एयरफोर्स वन से रवाना हो चुके हैं। वे पहले इस्राइल पहुंचेंगे और वहां से सीधे मिस्र रवाना होंगे।
ट्रंप ने यात्रा को बताया “बहुत खास”
इस्राइल रवाना होने से पहले व्हाइट हाउस से जारी बयान में ट्रंप ने इस दौरे को बेहद खास बताया। उन्होंने कहा,
> “यह एक बहुत ही खास समय है... हर कोई इस पल को लेकर उत्साहित है। आमतौर पर किसी संघर्ष में एक पक्ष खुश होता है और दूसरा नाराज, लेकिन इस बार सब खुश हैं।”
यह बयान उनके हालिया इस्राइल-हमास युद्धविराम समझौते के बाद आया है, जिसे उन्होंने अपनी कूटनीतिक सफलता बताया।
भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम पर फिर लिया श्रेय
ट्रंप ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम को लेकर भी खुद का योगदान बताया। उन्होंने कहा कि यह “8वीं जंग है, जिसे उन्होंने रुकवाया”। उनके अनुसार, उनके हस्तक्षेप से दोनों परमाणु संपन्न देशों के बीच तनाव कम हुआ और स्थिति नियंत्रण में आई। यह बयान ऐसे समय पर आया है जब दक्षिण एशिया में सुरक्षा और कूटनीतिक संबंधों पर अमेरिका की भूमिका पर फिर चर्चा तेज हो गई है।
इस्राइल-हमास युद्धविराम के बाद पहली विदेश यात्रा
यह ट्रंप की उस घोषणा के बाद पहली विदेश यात्रा है, जिसमें उन्होंने इस्राइल-हमास के बीच युद्धविराम का ऐलान किया था। माना जा रहा है कि मिस्र में होने वाला यह सम्मेलन मध्य पूर्व में शांति बहाल करने की दिशा में अहम कदम साबित हो सकता है।
निष्कर्ष
डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपनी कूटनीतिक भूमिका को वैश्विक स्तर पर रेखांकित किया है। चाहे भारत-पाकिस्तान संघर्ष हो या इस्राइल-हमास विवाद, ट्रंप खुद को शांति का सूत्रधार मानते हैं। अब देखना यह होगा कि मिस्र में होने वाले इस सम्मेलन से गाजा संकट पर कोई ठोस समाधान निकलता है या नहीं।
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