भारत के लिए एक बार फिर खेलों का महाकुंभ आयोजित करने का मौका तैयार है। साल 2030 के कॉमनवेल्थ गेम्स (Commonwealth Games 2030) की मेजबानी अहमदाबाद को मिलने जा रही है। यह भारत के लिए गौरव का क्षण है, क्योंकि इससे देश एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों के केंद्र में आ जाएगा।
26 नवंबर 2025 को होगी औपचारिक घोषणा
कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी को लेकर अंतिम फैसला 26 नवंबर 2025 को लिया जाएगा। इस दिन कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन (CGF) की जनरल बॉडी मीटिंग होगी, जिसमें अहमदाबाद की मेजबानी को औपचारिक मंजूरी मिलने की पूरी संभावना है। भारत सरकार और इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (IOA) ने इसकी तैयारियां पहले ही शुरू कर दी हैं।
कैसे मिली भारत को मेजबानी का मौका?
अहमदाबाद को मेजबानी दिलाने की प्रक्रिया कई साल पहले शुरू हुई थी। 2023 में जब ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया राज्य ने 2026 के गेम्स से अपना हाथ खींच लिया, तब कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन नए विकल्पों की तलाश में था। इसी बीच भारत ने 2030 संस्करण के लिए औपचारिक रुचि पत्र (Expression of Interest) भेजा।
भारत की ओर से पेश किए गए इंफ्रास्ट्रक्चर प्लान, आर्थिक मॉडल और पर्यावरणीय दृष्टि से टिकाऊ आयोजन की रूपरेखा ने फेडरेशन को प्रभावित किया। अहमदाबाद के पास पहले से ही वर्ल्ड-क्लास सुविधाएं हैं — जैसे नरेंद्र मोदी स्टेडियम, खेल गांव और मेट्रो कनेक्टिविटी — जो इसे एक मजबूत दावेदार बनाते हैं।
भारत के लिए ऐतिहासिक मौका
अगर सब कुछ तय योजना के अनुसार हुआ, तो भारत दूसरी बार कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी करेगा। इससे पहले 2010 में दिल्ली ने इन खेलों की मेजबानी की थी। अहमदाबाद गेम्स को “सस्टेनेबल और स्मार्ट गेम्स” के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है, जिसमें ग्रीन एनर्जी, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर और स्मार्ट ट्रांसपोर्ट सिस्टम पर फोकस रहेगा।
अगली बड़ी चुनौती: सफल आयोजन की
औपचारिक मंजूरी के बाद भारत के सामने असली परीक्षा शुरू होगी — इन खेलों को अब तक के सबसे सफल कॉमनवेल्थ गेम्स बनाना। न सिर्फ खिलाड़ियों की तैयारी बल्कि इंफ्रास्ट्रक्चर, लॉजिस्टिक्स और पर्यावरणीय मानकों पर भी अहमदाबाद को अंतरराष्ट्रीय स्तर की कसौटी पर खरा उतरना होगा।
कॉमनवेल्थ गेम्स 2030 की मेजबानी से भारत न केवल अपनी खेल क्षमता बल्कि वैश्विक आयोजन क्षमता भी दुनिया को दिखाने जा रहा है।
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